-आक्सीजन व रेमेडिसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी पर मिलिट्री इंटलीजेंस के इनपुट पर स्वास्थ्य विभाग ने मारा था छापा
अयोध्या। जनपद में आक्सीजन व रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोपी समर्पण हास्पिटल के खिलाफ मंगलवार की रात एफआईआर दर्ज होने के बाद स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने बुधवार को इसे सील कर दिया। मिलिट्री इंटलीजेंस के इनपुट पर 9 मई की रात प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापा मारा था।
जांच में हास्पिटल का रजिस्टेशन वैध नहीं पाया गया। जिसके बाद 11 मई की रात हास्पिटल की संचालिका के खिलाफ कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज हुई थी। मिलिट्री इंटलीजेंस ने प्रशासन को सूचना दी थी कि देवकाली स्थित समर्पण हास्पिटल में आक्सीजन व रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है। इंटलीजेंस ने इसके सम्बंध में प्रशासन को काफी सबूत भी सौंपे थे। जिसके बाद प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व मिलिट्री इंटलीजेंस की संयुक्त टीम ने 9 मई की रात 10 बजे अस्पताल में छापा मारा।
जांच के बाद एडिशनल सीएमओं आर के देव की तहरीर में कोतवाली नगर में धारा 420, 467, 468, 471, 269, महामारी अधिनियम 3 व इंडियन मेडिकल एक्ट 15 (3) के तहत हास्पिटल की संचालिक साक्षी त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ। तहरीर में एडिशनल सीएमओं डा देव ने बताया कि छापेमारी के दौरान अस्पताल की संचालिका डॉ साक्षी त्रिपाठी मौके पर मौजूद मिली। उससे मौके पर डाक्टर को बुलाने के लिए कहा गया।लेकिन वह बुला नहीं सकी। वर्तमान हास्पिटल के पंजीकरण के लिए पोर्टल पर 29 अप्रैल को आवेदन प्रस्तुत है।लेकिन अभी तक हास्पिटल का पंजीकरण नहीं हो सका है।हालांकि अस्पताल की संचालिका डॉ साक्षी त्रिपाठी फरार बताए जा रही है।
हास्पिटल को सील करने के दौरान एडिशनल सीएमओं डा आरके देव ने बताया कि समर्पण हास्पिटल के खिलाफ कुछ शिकायतें हाईलेवल पर गयी थी। इस शिकायतों के आधार पर कोतवाली नगर व स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी ने 9 मई की रात छापेमारी की थी। जिसकी वीडियोग्राफी विवेचक के पास सुरक्षित है। इनका पंजीकरण नहीं हुआ था। मेन शिकायत आक्सीजन व इंजेक्शन के नाम पर अधिक पैसा लेने की थी जिस कारण हास्पिटल को सीज किया जा रहा है।
एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के देवकाली रोड स्थित समर्पण हास्पिटल के नाम से हास्पिटल अवैध रूप से चल रहा है।इसकी सूचना मिलने पर पुलिस व मेडिकल टीम द्वारा मौके पर जाकर जांच किया गया। वही प्रथम दृष्टिया जांच में पाया गया कि समर्पण हास्पिटल अधिकृत नहीं है।