– 11 से 13 जनवरी तक होंगे यज्ञ, अनुष्ठान व अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को भव्य रूप से मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जनवरी में फिर से अयोध्या तीन दिन के लिए झूम उठेगी। रामलला का विशेष अभिषेक होगा। विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। सांस्कृतिक सांध्य सजेगी। देश के ख्याति प्राप्त भजन गायक रामलला की स्तुति करेंगे। यह सब होगा 11 से 13 जनवरी तक। उत्सव मनाने की तैयारियां अयोध्या में जोर-शोर से शुरू हो गई है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 11 से 13 जनवरी 2025 तक तीन दिवसीय आयोजन किया जाएगा। इसे ’प्रतिष्ठा द्वादशी’ का नाम दिया गया है। 11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन रामलला का विशेष अभिषेक और आरती की जाएगी। यह पूजा दोपहर 12ः20 बजे होगी, जो रामलला की प्रतिष्ठा के समय के अनुरूप है। तीनों दिनों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र जप, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंदिर परिसर में यज्ञ मंडप पर शुक्ल यजुर्वेद माध्यंदिनी शाखा के 40 अध्यायों के 1975 मंत्रों से अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी।
यह कार्यक्रम सुबह 8 से 11 बजे और दोपहर 2 से 5 बजे तक चलेगा। राम मंत्र जप के दौरान छह लाख मंत्रों का उच्चारण होगा। इसके अलावा राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा, पुरुष सूक्त, आदित्य हृदय स्तोत्र जैसे पाठ किए जाएंगे। दक्षिणी प्रार्थना मंडप में भगवान को दोपहर 3 से 5 बजे तक राग सेवा अर्पित की जाएगी। मंदिर परिसर में हर रात 6 से 9 बजे तक स्थानीय और प्रांतीय ख्याति प्राप्त गायकों द्वारा भजन-कीर्तन और बधाई गीत गाए जाएंगे। कार्य्रकम को सफल बनाने के लिए तीन दिन पहले अयोध्या के अशर्फी भवन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दे गए थे। उन्होंने कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बनाने का भी अनुरोध किया था।
पिछले वर्ष न आ पाने वालों को इस बार बुलायेगा ट्रस्ट
अंगद टीला पर दोपहर 2 से 3ः30 बजे तक राम कथा और 3ः30 से 5 बजे तक श्रीराम के जीवन पर प्रवचन होंगे। शाम 5ः30 से 7ः30 तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में सभी श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं। इस अवसर पर व्यापक व्यवस्था की गई है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिन साधु-संतों को पिछले वर्ष बुलाया नहीं जा सका था, उन्हें इस बार आमंत्रित किया जाएगा। राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
अगले वर्ष के अंत तक परिसर में 18 और मंदिर बन जाएंगे
2025 के अंत तक परिसर में 18 और मंदिर बनकर तैयार हो जाएंगे। मन्दिर के चारों ओर परकोटा इनमें राम दरबार, दक्षिण पश्चिम कोने पर भगवान सूर्य, पश्चिम उत्तर में भगवती, उत्तर पूर्व भगवान शंकर, पूर्व उत्तर में गणपति मन्दिर, दक्षिण भुजा के बीच हनुमान जी, उत्तरी भुजा के बीच में माता अन्नपूर्णा का मंदिर, शेष अवतार के रुप में लक्ष्मण मंदिर, महर्षि विश्वामित्र व वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त को समर्पित एक मंदिर स्थापित होंगे। साथ माता शबरी, माता अहिल्या और तुलसीदास जैसे मंदिर शामिल हैं। लगभग इन सभी मंदिरों में 60 से 70þ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
मंदिर परिसर में चार द्वार बनाए जाएंगे। इसके अलावा, मंदिर परिसर में ऑडिटोरियम, विश्राम गृह और ट्रस्ट का कार्यालय भी बनाया जाएगा। राम कथा संग्रहालय का पुनः निर्माण कार्य शुरू हो चुका है कयास लगाया जा रहा है कि 1 वर्ष में संग्रहालय का भव्य रूप देखने को मिलेगा।
राम मंदिर निर्माण में सुरक्षा पर मिला पहला स्थान
चंपत राय ने बताया कि ब्रिटेन की एक सुरक्षा टीम भारत पहुंची थी, जिसने पांच स्थानों का भ्रमण किया, जिसमें अयोध्या राम मन्दिर को सुरक्षा की नज़र से प्रथम स्थान दिया। और इसे सर्वोत्तम मानकों वाला बताया। बता दें कि जहां दिसंबर 2023 में और जनवरी 2024 में करीब 4000 कर्मचारी काम करते थे वही आज करीब दो से ढाई हजार कर्मचारी राम मंदिर परिसर में कार्य कर रहे हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई। जो देश के लिए और राम मंदिर परिसर के लिए उल्लेखनीय है।
2024 में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक तीन करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं, जिसमें विशेष भारत के सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा सदस्य, सहित भारतीय सेना के प्रमुख अधिकारी और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रामलला का दर्शन कर चुके हैं।