-कोर्ट ने एक लाख रूपया जुर्माना भी किया, जुर्माने की रकम में से 80 फ़ीसदी मृतका के माता-पिता को देने का हुआ है आदेश
अयोध्या । मृतका के गले की चोटों से लगता है कि जब तक उसकी मृत्यु नहीं हुई अभियुक्त ने अपने खूनी पंजे को ढीला नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि अभियुक्त का आशय मृतक की हत्या कारित करने का था और मृत्यु हो जाने तक उसके गले से अपने पंजे को ढीला नहीं किया इसलिए यह मामला दहेज हत्या का नहीं बल्कि हत्या का है इन्हीं टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने पत्नी के हत्यारे को बामशक्कत उम्र कैद की सजा सुनाई। उस पर कोर्ट ने 100000 जुर्माना भी किया है। जुर्माने की रकम में से 80 फ़ीसदी मृतका के माता-पिता को देने का आदेश हुआ है। यह आदेश अपर जिला जज प्रेम प्रकाश की अदालत से मंगलवार को हुआ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सिंह ने बताया कि स्वामीनाथ ने अपनी पुत्री सविता की शादी 14 मार्च 2019 को सूरज निवासी सरोली थाना खंडासा के साथ किया था। उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक दान दहेज भी दिया था लेकिन सविता के ससुराल वाले अधिक दहेज की मांग करते रहे। अधिक दहेज देने में असमर्थता व्यक्त करने पर सास फूला देवी, ननद रूपा, ससुर बेचू राम व पति सूरज उसको दहेज के लिए मारते पीटते थे । 23 मई 2019 को 8ः00 बजे सुबह स्वामीनाथ को फोन द्वारा सूचना दी गई कि उसकी पुत्री ने फांसी लगा लिया है।
वह 24 को दिल्ली से आया तो पुत्री को चीरघर फैजाबाद देखने गया। पता चला कि ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसकी पुत्री को मार डाला है। इसकी रिपोर्ट स्वामीनाथ ने चारों के खिलाफ दहेज के लिए हत्या करने प्रताड़ित करने तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज कराई थी ।विवेचना के बाद पुलिस ने पति सूरज और उसकी बहन रूपा के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने और हत्या करने तथा डीपी एक्ट की धारा में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया जबकि सास ससुर को क्लीन चिट दे दी।
ननद रूपा को कोर्ट ने बाल अपचारी घोषित कर दिया। उसका मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। आरोप पत्र दहेज हत्या तथा दहेज प्रत्येक अधिनियम के तहत आया था लेकिन कोर्ट ने इसे हत्या का मामला मानते हुए सूरज को दोषी पाते हुए सजा दी।