योग ऋषि-मुनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई धरोहर : प्रो. रविशंकर सिंह

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

– अविवि में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस का शुभारम्भ

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में कोविड-19 के संदर्भ में योगिक जीवन व समग्र स्वास्थ्य विषय पर दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस का आयोजन किया जा रहा है। अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है। योग एक समग्र दृष्टि है इससे व्यक्ति अपनी काया को निरोगी बना सकता है।

कुलपति ने कहा कि शास्त्रों में भी योग के महत्व को बताया गया है। यदि हम नियमित योग करें तो मन, बुद्धि एवं चित सभी मिलकर मन को शांति प्रदान करेंगे। कुलपति प्रो0 सिंह ने कहा कि योग भारत के लिए नया नही है। यह सदियों से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई धरोहर है जिसे आज अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में सम्मान मिला है। कुलपति ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं सभी के सामूहिक प्रयासों से आज योग दिवस मनाने का अवसर मिल रहा है। आज का दिन भारतवासियों के लिए बड़े गर्व का एवं सुखमय दिन है। उद्बोधन के अंत में कुलपति प्रो0 सिंह अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी एवं सुखमय जीवन की कामना की।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो0 कपिलदेव मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में योग संक्रमण से बचाव करने में सक्षम है। इसके नियमित अभ्यास से संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज देश सहित 190 देश अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे है। योग विज्ञान न केवल सनातन काल की धाती रही है बल्कि विज्ञान सम्मत योग है। शरीर, मन, बुद्धि एवं आत्मा इन चारों का समुच्य ही मानव है। मानव का शरीर उपभोगवादी है। अच्छा से अच्छा खाना चाहता है। यही पशु और मानव में अन्तर करता है।

इसे भी पढ़े  भाजपा नेता का भतीजा लापता, सरयू नदी में डूबने की आशंक

उन्होंने बताया कि पशुओं को योग करने की जरूरत नही होती है। वे स्वस्थ्य एवं मस्त रहते है। लेकिन धर्म ही एक ऐसा है जो मानव के पास है। कुलपति ने कहा कि योग सनातन काल से सृष्टि के प्रारम्भ से है। यही कारण है कि चितवृत्तियों का निरोग ही योग है। श्रीमद्भगवत गीता का वर्णन करते हुए कहा कि कर्म की कुशलता ही योग है। जो योग में निपुण, दक्ष एवं सीख रहे है वे व्याधि से समाधि तक पहुॅचने का मार्ग प्रशस्त करते है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के शरीर में वात, पित्त एवं कफ इन्ही तीनों के संतुलन से मनुष्य पूर्ण रूप से स्वस्थ्य रहता है और इन्हे संतुलित करने का माध्यम योग है। उद्घाटन सत्र में शारीरिक शिक्षा, खेल एवं योगिक संस्थान के निदेशक प्रो0 एसएस मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योगाभ्यास करना आवश्यक है।

इसके करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए पं0 रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रो0 राजीव चौधरी ने बताया कि कोरोना काल में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाये और कैसे अपने आपका कायाकल्प करें। यह सबसे महत्वूपर्ण है। कई शोधों में यह सिद्ध हो चुका है कि योग में हम आसन प्राणायाम शोधन तथा ध्यान के समग्र अभ्यास से हम हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रो0 सुनील कुमार गौतम ने कहा कि हम समग्र स्वास्थ्य को योग के व्यवहारिक प्रयोगों से प्राप्त कर सकते है। अष्टांग योग के यम, नियम और हठ, योग के शोधन और बंधों द्वारा तथा सही जीवन शैली को अपनाकर समग्र स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि आहार और विहार की सम्यकता ही योग के अनुसार समग्र स्वास्थ्य का आधार है।

इसे भी पढ़े  एटीएम में फेवीक्विक लगाकर करते थे धोखाधड़ी, पांच गिरफ्तार

अन्य वक्ता में महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय, हॉलैण्ड के डॉ0 एलन ओल्सगार्ड ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के आलोक तिवारी एवं अनुराग सोनी ने किया। तकनीकी सहयोग मनीषा यादव एवं सघर्ष सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव उमानाथ, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 रमापति मिश्र, डॉ0 अनिल कुमार मिश्र, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 मुकेश वर्मा, गायत्री वर्मा, डॉ0 प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ0 दिनेश सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े रहे।

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya