राष्ट्र-गौरव, पर्यावरण एवं मानवाधिकार पाठ्य पुस्तक जारी
अयोध्या। अपने देश की संस्कृति, पर्यावरण और राष्ट्र नायकों के बारे में जानने, राष्ट्र प्रेम की भावना को सर्वोपरि रखने के उद्देश्य से डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने इसे इस वर्ष की परीक्षा में अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित किया है। विश्वविद्यालय अकादमिक सुधार समिति सदस्य ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि इस पुस्तक की सामग्री विभिन्न रूपों में पहले से उपलब्ध है। इस सामग्री को संकलित कर एक पाठ्य पुस्तक के रूप में विद्याथिर्यों को उपलब्ध कराया गया है। विद्यार्थी अन्य पुस्तकों से भी पाठ्यक्रम का सन्दर्भ ग्रहण कर सकते हैं।
उन्होंने इस सन्दर्भ में बताया कि गीत और संगीत का प्रारंभ वेदों के समय से है, वेद मंत्रों का सस्वर पाठ करने की परंपरा थी बाद में चलकर संस्कृत नाटकों में गेय पदों को भी अभिनय के समय गाया जाता था। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, राष्ट्र गौरव, पर्यावरण एवं मानव अधिकार पुस्तक में संगीत कैसे जन्मा यह भी जान सकेंगे और यह विश्वविद्यालय में बनने वाली एशिया की सबसे बड़ी बेगम अख़्तर भारतीय संगीत कला अकादमी के लिए भी मुफीद होगा। इसके साथ ही आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण एवं राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नायकों जैसे स्वामी दयानंद सरस्वती, सावित्रीबाई फुले, महात्मा गांधी, रवीन्द्र नाथ ठाकुर, पंडिता रमाबाई, सुब्रमण्यम भारती, स्वामी सहजानंद सरस्वती, डॉ. भीमराव आंबेडकर, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ राममनोहर लोहिया, सुंदरलाल बहुगुणा के साथ काजी नजरुल इस्लाम के बारे में भी जान सकेंगे। राष्ट्र गौरव, पर्यावरण एवं मानवाधिकार के सन्दर्भ को अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित करने के लिए अकादमिक सुधार समिति सदस्य ने कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित को धन्यवाद दिया है।