Breaking News

प्रभु श्रीराम की मूर्ति निर्माण व्यवस्था में बदलाव, आवास विकास देगा जमीन

–ग्रीन फील्ड टाउनशिप की जमीन के लिए दी गयी अतिरिक्त छूट

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल दुनिया की सबसे ऊंची प्रभु श्रीराम की मूर्ति निर्माण के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के तहत मूर्ति निर्माण के लिए आवास विकास जमीन देगा। इसके लिए उसको 100 करोड़ मिल गए हैं। पर्यटन विभाग को इसकी गाइडलाइन मिल गई है। जिसके तहत उसे प्रस्तावित नव्य अयोध्या के माझा बरहटा में करीब 86 एकड़ भूमि की खरीद सीधे नहीं करनी होगी। अब आवास विकास परिषद लखनऊ पूरी भूमि खरीदकर हस्तांतरित करेगा। परिषद की ओर से तीन गांवों में प्रस्तावित बाजार व आवास योजना के तहत 1192 एकड़ भूमि खरीदकर बसाए जाने वाले आधुनिक उपनगरों का मुख्य प्रवेश द्वार श्रीराम की मूर्ति के ठीक सामने से होकर गुजरेगा। यही नहीं पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए मूर्ति के पैडस्टल में श्रीराम म्यूजियम, लाइब्रेरी, जनसुविधाएं आदि आकर्षण के साथ विभिन्न प्रदेशों के गेस्टहाउस और पार्क भी बनेंगे।

अयोध्या में 251 मीटर ऊंची श्रीराम की मूर्ति बनाकर गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की बनीं 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तब की थी, जब राममंदिर का फैसला भी नहीं आया था। इसके लिए पहले ग्राम सभा माझा जमथरा फिर हाईवे से सटे मीरापुर द्वाबा शवदाह गृह के पास 66 एकड़ भूमि प्रस्तावित की गई थी। जांच में इंजीनियरों ने इसे विशाल मूर्ति के लिए अनुपयुक्त करार दिया। इस बीच लखनऊ-गोरखपुर हाईवे के पूरब बंधे के पास माझा बरहटा में भूमि चयनित करके 17 अप्रैल 2021 को नई अधिसूचना जारी की गई।

इस अधिसूचना में श्रीराम की मूर्ती के बजाय आवास विकास परिषद की गृहस्थान व बाजार योजना का जिक्र होने से मूर्ति निर्माण को लेकर शंकाएं बढ़ गई थी। लोग सरकार के साढ़े चार साल पूरा होने पर सवाल पूछने लगे थे कि श्रीराम की मूर्ति बनाने के प्रोजेक्ट का क्या हुआ? क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने रविवार को बताया कि अब स्थिति साफ हो गई है। पर्यटन मंत्रालय से प्रभु श्रीराम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति, म्यूजियम आदि की स्थापना के लिए भूमि खरीद को मिले 100 करोड़ की धनराशि आवास विकास परिषद लखनऊ को इस आशय के साथ ट्रांसफर की गई है कि करीब 86 एकड़ भूमि खरीदकर उसका विकास करके पर्यटन विभाग को देंगे।

आवास विकास परिषद लखनऊ के अपर आयुक्त नीरज शुक्ल का कहना है कि पहले पर्यटन विभाग सीधे श्रीराम की मूर्ति और इसके भूतल में बनने वाले म्यूजियम, लाइब्रेरी और विभिन्न प्रदेशों के गेस्ट हाउस आदि के लिए माझा बरहटा की करीब 86 एकड़ भूमि खरीद रहा था। अब यह भूमि आवास विकास परिषद खरीदेगा और पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करेगा। भूमि खरीद के लिए भू-स्वामी से आम सहमति लगभग बन गई है, पखवारे भर में रजिस्ट्री होनी शुरू हो जाएगी।

सरयू किनारे 86 एकड़ में कराया जाएगा कायाकल्प

-प्रोजेक्ट के तहत सरयू किनारे 86 एकड़ में कायाकल्प कराया जाएगा। 251 मीटर ऊंची इस प्रतिमा में 20 मीटर ऊंचा चक्र भी होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम बनाया जाएगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि प्रस्तावित है। भगवान राम की मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची होगी। अभी तक न्यूयार्क में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई 93 मीटर, मुंबई में निर्माणाधीन डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा की ऊंचाई 137.2 मीटर और गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा 183 मीटर है। वहीं चीन में गौतम बुद्ध की प्रतिमा 208 मीटर, मुंबई में निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा 212 मीटर ऊंची है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रतिमा की ऊंचाई 251 मीटर प्रस्तावित है।

ग्रीन फील्ड टाउनशिप की जमीन के लिए दी गयी अतिरिक्त छूट

-आवास विकास परिषद ने नव्य अयोध्या परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित ग्रीन फील्ड टाउनशिप योजना के संदर्भ में 11 हेक्टेयर भूमि बैंक बनाने के लिए हाइवे के किनारे के तीन ग्रामसभाओं शाहनेवाजपुर, मांझा बरहटा व मांझा तिहुरा की जमीनों को चिह्नित किया था। उधर नगर निगम के विस्तार की अधिसूचना जारी होने के बाद यह ग्रामसभाएं शहरी क्षेत्र का हिस्सा बन गयीं। नियमानुसार शहरी क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए काश्तकारों को सर्किल रेट का दोगुना मूल्य भुगतान ही अनुमन्य था। इसके कारण आवास विकास परिषद के प्रस्ताव पर शासन ने 17 मार्च 2021 को जारी शासनादेश के अन्तर्गत विशेष परिस्थितियों में शाहनेवाजपुर व मांझा बरहटा को ग्रामीण क्षेत्र घोषित किया था। इसके कारण जमीन प्राप्त करने के बदले में सम्बन्धित काश्तकारों को आवास विकास परिषद की ओर से चार गुना मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। आवास विकास परिषद ने पर्यटन महकमे की चिह्नित भूमि को अपनी अधिसूचना से पहले बाहर रखा था। अब पुनः अधिसूचना संशोधित की जाएगी।

हाईकोर्ट में अवमानना याचिका हो चुकी है दायर

-प्रभु श्रीराम की प्रतिमा स्थापना के मामले को लेकर पर्यटन विभाग की अधिसूचना जारी होने से पहले मांझा बरहटा के किसान बंदोबस्त की मांग को लेकर संघर्षरत थे। इस बीच योजना के प्रस्ताव को ध्यान में रखकर किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक साल में बंदोबस्त कराने का आदेश पारित किया। उधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहायक भूलेख अधिकारी(एआरओ) की ओर से बंदोबस्त की कार्यवाही शुरू की गयी लेकिन प्रक्रिया इतनी धीमी रही कि देखते देखते समय पूरा हो गया लेकिन कार्यवाही अभी अधूरी ही है। किसान नेता अवधेश सिंह का कहना है कि प्रशासन की मानसिकता को देखकर अवमानना याचिका कर दी गयी है। उन्होंने बताया गया कि एआरओ कार्यालय की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन कर अतिरिक्त एक साल का समय मांगा गया है जिस पर किसानों की आपत्ति दाखिल हुई है।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  रामनगरी में गणेशोत्सव की धूम : माता पार्वती के उबटन से हुआ था गणेश जी का जन्म

About Next Khabar Team

Check Also

पूर्व सांसद मित्रसेन यादव की मनाई गई 9वीं पुण्यतिथि

-सम्मानित किए गए उनके संस्थापित विद्यालय के एक दर्जन मेधावी छात्र अयोध्या। पूर्व सांसद मित्रसेन …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.