-अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के लगभग तीन लाख लोगों ने किया योग
अयोध्या। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्वविद्यालय परिसर सहित अयोध्या के पांच स्थलों पर तीन हजार लोगों ने एक साथ योग किया गया। सभी स्थलों पर योग कार्यक्रम का शुभारम्भ ओम के उच्च्चारण के साथ योग के प्राणायामों से किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योग कार्यक्रम में परिसर में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल की अध्यक्षता में पर्यवे़क्षक प्रो0 नीलम पाठक एवं योग संयोजक प्रो0 एस एस मिश्र की मौजूदगी में एक हजार से अधिक लोगों में शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को योगाचार्य गायत्री वर्मा योग कराया।
सरयू घाट पर पांच सौ, राम की पैड़ी व लक्ष्मण घाट पर तीन सौ लोगों ने पर्यवेक्षक प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 चयन कुमार मिश्र की तैनाती में जिला प्रशासन, अयोध्या के महंत एवं संभ्रातजन ने योगाचार्य आलोक सोनी ने योग कराया। गुप्तारघाट पर चार पांच सौ लोगों ने प्रो0 जसवंत सिंह, प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर के रंजीव सिंह व कर्नल संतोष कुमार की मौजूदगी में एनसीसी बटालियन के कैडेट्स व आमजन को योग कराया गया। वहीं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव में माधवपुर, मसौधा में पर्यवेक्षक प्रो0 तुहिना वर्मा व डाॅ0 सुरेन्द मिश्र की देखरेख में 250 से अधिक ग्रामीणों को योग कराया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सात जिलों के 763 महाविद्यालय के लगभग दो लाख अस्सी हजार से अधिक विद्यार्थियों, प्राचार्यों, शिक्षकों, जिले के आलाधिकारी, कर्मचारियों एवं प्रबुद्धजनों ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर हिस्सा लिया।
विश्वविद्यालय परिसर में प्रात 6 बजे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल की अध्यक्षता में योग कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 गोयल ने कहा कि योग भारतीय ऋषि परम्परा का अनमोल उपहार है। योगाभ्यास से मन, चित्त शरीर को नियमित ऊर्जा मिलने के साथ निरोगी काया भी प्राप्त होती है। कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि योग विज्ञान की समझ धीरे-धीरे वैश्विक पटल पर स्थापित होकर विश्वभर में प्रचारित-प्रसारित हो रही है। कुलपति प्रो0 गोयल ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को प्रतिफल है। जो आज भारतीय संस्कृति की विरासत विश्व स्तर पर जानी जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश की राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में प्रदेशभर में बड़े स्तर योग का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रो0 गोयल ने बताया कि इसकी स्वीकार्यता जनमानस में दिनों दिन बढ़ रही है। भारत वर्ष के लिए यह गौरव का पल है कि योग परम्परा की खोज हमारे ऋषि मनीषियों की देन है। योग हमें प्रकृति से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान करता है।
योग शिविर को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय योग संयोजक प्रो0 एसएस मिश्र ने बताया कि नियमित योगाभ्यास से प्राण वायु का शरीर में व्यापक संचार होता है। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते है। योगाभ्यास से निरोगी काया बनी रहती है। इससे शारीरिक मानसिक कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का संचालन योग विज्ञान विभाग के शिक्षक अनुराग सोनी द्वारा किया गया।
विश्वविद्यालय परिसर में योग कार्यक्रम में ंप्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 आरके सिंह, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 अनिल कुमार, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 अनूप कुमार, डाॅ0 त्रिलोकी यादव, डाॅ0 अर्जुन सिंह, डाॅ0 मुकेश वर्मा, डाॅ0 आरएन पाण्डेय, डाॅ0 अनिल कुमार विश्वा, डाॅ0 स्वाति सिंह, स्वाति उपाध्याय, ज्ञान प्रकाश टेकचंदानी, डाॅ0 मोहन चन्द्र त्रिपाठी, राजीव तिवारी, डाॅ0 राजेश सिंह, डाॅ0 आरके सिंह, गिरीशचन्द्र पंत सहित बड़ी संख्या में एनएसएस एवं परिसर के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।