राम मंदिर में विराजमान रामलला के बराबर ऊंचाई पर शेषावतार का मंदिर बनेगा
अयोध्या। शनिवार को राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में राम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ के निर्माण योजना पर अंतिम मुहर लग गई। ट्रस्ट के मुताबिक राम मंदिर के साथ परकोटा, सप्त मंदिर और शेषावतार मंदिर निर्माण किया जा रहा है। राम मंदिर में विराजमान रामलला के बराबर ऊंचाई पर शेषावतार का मंदिर बनेगा। इसके अलांवा तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय, ऑडिटोरियम, अतिथि निवास गृह का निर्माण किया जाना है। परिसर में लैंडस्कैपिंग का कार्य भी किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में अपोलो हॉस्पिटल अपना एक ब्रांच खोलने जा रही है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया गया है। दो महीने के अंदर कार्डियक व इमरजेंसी सुविधाओं से युक्त अस्पताल शुरू हो जाएगा।
निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने दूसरे दिन बैठक से पूर्व राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य में यात्री सुविधा केंद्र सहित मंदिरों के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि निर्माणाधीन यात्री सुविधा केंद्र अगस्त तक तैयार होकर एलएंडटी को हैंडओवर कर दिया जाएगा। सप्त मंडपम व शेषावतार मंदिर को कैसे दिव्य-भव्य बनाया जाए इसकी चर्चा हुई। इसका निर्माण भी राममंदिर की तर्ज पर किया जाएगा, जिसके लिए आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा ड्राइंग बना रहे हैं। वहीं परिसर में ट्रस्ट का कार्यालय, एक गेस्ट हाउस व 500 लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम का निर्माण होगा। दो महीने में इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। ड्राइंग व डिजाइन पर मंथन किया गया है। बैठक में सुरक्षा के इंतजामों की भी समीक्षा की गई।
ट्रस्ट कार्यालय और ऑडिटोरियम के साथ आने वाली अतिथियों के लिए एक विश्राम गृह के निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई। आने वाले 2 महीने में ट्रस्ट के 70 एकड़ परिसर में निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर के कार्यों की प्रगति देखी। उन्होंने बताया कि शेषावतार मंदिर का महत्व वैज्ञानिक दृष्टि से भी है, जिसकी एक निश्चित ऊंचाई होनी चाहिए। मंदिर की तुलना में भगवान की मूर्ति के बराबर में होनी चाहिए। इन सभी चीजों पर अंतिम निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कोई नया निर्माण नहीं जोड़ा जाएगा। वहीं प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनाई गईं तीन अलग-अलग मूर्तियों में से दो अन्य मूर्तियों को राम मंदिर में स्थान दिए जाने की संभावनाओं को चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रथम तल पर रामलला का दरबार और द्वितीय तल अनुष्ठान के लिए है। रामलला की जो दो अन्य मूर्तियों हैं उसके सदुपयोग के लिए ट्रस्ट निर्णय लेगा।