फैजाबाद। सोशलिस्ट नेता आचार्य जे0बी0 कृपलानी की 130वीं जयन्ती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन देर शाम रामनगर कालोनी में हुआ जिसकी अध्यक्षता उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने करते हुए कहा कि कृपलानी भारत स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, गाॅंधीवादी, समाजवादी, पर्यावरणवादी और राजनेता थे। कृपलानी चम्पारण सत्याग्रह के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्पर्क में आये। ओमी ने कहा कि कृपलानी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व अध्यक्ष पर भी रहे। 1951 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हुए। उसके बाद 1954 में इस्तीफा देकर कृपलानी ने एक नई राजनीतिक पार्टी कृषक मजदूर पार्टी बनायी। संगोष्ठी में मौजूद सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत के महासचिव अशोक मदान सुखी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी नेता जे0बी0 कृपलानी का जन्म 11 नवम्बर 1888 को सिन्ध के शहर हैदराबाद में हुआ था। उनका पूरा नाम जीवटराम भगवानदास कृपलानी था। लोग सम्मान से उन्हें आचार्य कृपलानी कहते थे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश सिन्धी महिला की प्रदेश अध्यक्ष मुस्कान सावलानी ने कहा कि 1920 से 1927 तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित गुजरात विद्यापीठ में प्रधानाचार्य के पद पर रहकर नौकरी की। 1936 में सुचिता कृपलानी जो भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री उ0प्र0 से थीं उनके साथ उनका विवाह हुआ। आचार्य कृपलानी समाजवादी नेता थे। संगोष्ठी में हरीश सावलानी, सुरेश आडवाणी, गोपी माखेजा, महेश खटवानी, गोपी आडवाणी, बलदेव रूपानी, अनिल माखेजा, राजेश चावला, संजय खेट्रपाल, पूनम आडवाणी, बबिता माखेजा, भारती खत्री, जमुना माखेजा, बबिता चावला, सीमा रामानी, एकता जीवानी, भावना वरियानी, मीना साधवानी आदि ने आचार्य कृपलानी के जीवन पर विस्तार से चर्चा की।
सोशलिस्ट नेता जे.बी. कृपलानी की मनाई 130वीं जयन्ती
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