अयोध्या । रामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार को मिले अहम जिम्मेदारी के तहत रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया जिसमें 15 सदस्यों को शामिल किए जाने पर 9 सदस्यों की सूची सामने आई जिसमें निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास को भी शामिल किया गया लेकिन निर्मोही अखाड़ा के सरपंच ने इस अखाड़े में पंचायती व्यवस्था के तहत शामिल किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है जिसको लेकर आज अयोध्या के राम घाट क्षेत्र स्थित निर्मोही अखाड़ा में पंचों की बैठक बुलाई गई इस बैठक में गुजरात राजस्थान चित्रकूट सहित कई स्थान उसके पंच अयोध्या पहुंचे 3 घंटे तक चले लगातार बैठक के बाद 3 सूत्री मांगों पर प्रस्ताव रखा गया अब इन प्रस्ताव को लेकर पंच केंद्र सरकार से मुलाकात करेगी। निर्मोही अखाड़ा की सरपंच राजा राम चंद्राचार्य ने बताया कि रामजन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का समर्थन के साथ रामलला का पूजन अर्चन का अधिकार निर्मोही अखाड़ा को मिलना चाहिए क्योंकि पहले से ही निर्मोही अखाड़ा उस स्थान पर पूजा अर्चना करता रहा है। वहीं बताया कि सुप्रीम कोर्ट निर्मोही अखाड़ा को शामिल करने का फैसला दिया था। जिसके तहत सरकार को निर्मोही अखाड़ा के 13 पंचों में से 7 सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए जिसको लेकर पीएम व सीएम को इस प्रस्ताव को भेजेंगे। निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा में पंचायती व्यवस्था है इस लिए पंचों ने इस बैठक में जो प्रस्ताव रखे है। उसे 19 फरवरी को होने वाली राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में रखेंगे। इस प्रस्ताव में सरपंच , उप सरपंच सहित चार पंच को शामिल किया जाए। चित्रकूट से आये महंत भगवान दास ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट फैसले में साफ कहा गया था कि सरकार जो भी ट्रस्ट का गठन करेगी उसमें निर्मोही अखाड़े का अहम भूमिका होगी जिसको लेकर आज निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने बैठक बुलाई है लेकिन निर्मोही अखाड़ा पंचायत एक व्यक्ति की व्यवस्था नहीं है इसलिए इस ट्रस्ट में अभी अयोध्या निर्मोही अखाड़ा के महंत देवेंद्र दास को लिया गया है इसके साथ ही छह अन्य लोगों को भी शामिल की जाने को लेकर प्रस्ताव रखा गया इसके साथी राम लला की पूजन अर्चन का अधिकार भी निर्मोही का अखाड़ा का होना चाहिए जिसके लिए केंद्र सरकार को सभी पंच मुलाकात कर अपना प्रस्ताव सौंपेंगे।
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