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जीआईएस सर्वे के बाद नगर निगम का बढ़ गया टैक्स, भेजा जा रहा मैसेज

-सपा का प्रतिनिधिमंडल महापौर व कमिश्नर को सौंपेगा ज्ञापन, राहत न मिलने पर करेंगे आन्दोलन

अयोध्या। नगर निगम अयोध्या बनने के बाद से जनता को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है उल्टे उसके ऊपर टैक्स का भार बढाया जा रहा है। उक्त आरोप समाजवादी पार्टी के पार्षदोंं ने नगर निगम प्रशासन पर लगाया है।
शुक्रवार को शाने अवध सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान समाजवादी पार्टी ने नगर निगम अयोध्या के द्वारा जीआईएस सर्वे के उपरान्त टैक्स निर्धारण को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।

सपा पार्षद रामभवन यादव का कहना है कि 2022 में जिस मकान का टैक्स 716 रुपये जमा किया गया था। उसका टैक्स 3456.00 रुपये कर दिया गया है। जबकि भवन स्वामी ने एक भी ईट का नया निर्माण नहीं किया है। फिर भी जो नया बोझ डाला जा रहा है उसके लिए जीआईएस सर्वे को खत्म करना अनिवार्य है।

उन्होने बताया कि राजकुमार के नाम एक मकान का टैक्स 1120 रुपये 2022 तक जमा किया गया है। जिसमें 2023-24 का टैक्स 9922 रुपया आ गया। जिसमें पिछला बकाया 5392 दिखाया जा रहा है। जो पूरी तरह से गलत है। उन्होने आरोप लगाया कि इस तरह टैक्स बढ़ाकर बाद में इसे कम करने के लिए नगर निगम के द्वारा अवैध वसूली की जायेगी। पार्षद विशाल पाल का कहना था कि पूर्व में रेवेन्यू के द्वारा जो टैक्स निर्धारण किया गया था। क्या वह गलत था जो जीआईएस सर्वे के द्वारा टैक्स निर्धारित किया जा रहा है। जीआईएस सर्वे करने वाले अनुभवहीन थे।

जिन्होने इस तरह का टैक्स लगा दिया। इनमें आपत्तियों का निस्तारण होना चाहिए। पूर्व मंत्री तेजनारायन पाण्डेय ने कहा कि सपा का प्रतिनिधिमंडल प्रकरण को लेकर पहले महापौर से मुलाकात करेंगा। इसके बाद कमिश्नर से मुलाकात करने प्रकरण को उनके समक्ष रखेगा। मामले का निस्तारण न होने नगर निगम के बाहर धरने पर बैठेंगे।

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Written by Next Khabar Team

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