उद्योगबन्धु स्तर से 19 करोड़ 33 लाख का हुआ भुगतान
अयोध्या। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश संयोजक उमेश उपाध्याय द्वारा आरटीआई के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगी गयी सूचनाएं डेढ़ साल के जद्दोजहद के बाद उपलब्ध करायी गयीं। मुख्यमंत्री कार्यालय से यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 के दौरान प्रदेश में निवेश के लिए हुए समझौता ज्ञापनों के सम्बंध में सात बिन्दुओं की सूचनाएं मांगी गयी थी। उपलब्ध की गयी सूचनाओं के अनुसार उद्योग बन्धु स्तर से विभिन्न मदों में कुल रूपया 19 करोड़ 33 लाख, 99 हजार 891 व 56 पैंसा का भुगतान किया गया है।
दी गयी सूचना में कहा गया है कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 के दौरान प्रदेश में हुए समझौता ज्ञापनों के दौरान 1045 सहमति पत्र हस्ताक्षरित हुए थे जिसकी कुल धनराशि 4.28 लाख करोड़ रूपये थी। यह भी बताया गया कि निवेशक कम्पनियां मण्डलवार अगरा में 48 प्रोजेक्ट के लिए 27975.35 करोड़, अलीगढ़ में 48 प्रोजेक्ट के 1324.29 करोड़, अयोध्या में 59 प्रोजेक्ट के लिए 2251.81 करोड़, बरेली में 65 प्रोजेक्ट के लिए 5042.35 करोड़ रूपये शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रख्यापित औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 तथा अन्य निवेश परख नीतियों के आलोक में निवेशकों द्वारा सम्बंधित विभागों से सीधे मांग की जानी है।
बताते चलें कि दो दिवसीय यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 का उद्घाटन नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2018 में किया था। समापन राष्ट्रपति रामनाथ गोविन्द ने किया था। इस समिट में सभी राज्यों के मुखिया, मंत्री, औद्योगिक जगत की हस्तियां, मुकेश अम्बांनी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिरला, आनन्द महेन्द्रा, टाटा गु्रप के चेयरमैन एन. चन्द्रेशखरन आदि ने भाग लिया थां समिट का उद्देश्य था कि प्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित करके आर्थिक रूप से सदृढ़ राज्य बनाना था व आर्थिक् निवेश के जरिये प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध करना था। कांग्रेस नेता का कहना है कि प्राप्त सूचनाओं में कुछ के जबाब आधे अधूरे हैं। और कुछ के जबाब जैसे समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वाले कुल कितने निवेशक कम्पनियां ब्लैक लिस्टेड, डिफाल्टर, एनपीए स्तर पर दर्ज हैं का व्यौरा नहीं उपलब्ध कराया गया है। यह भी नहीं बताया गया कि समिट के प्रचार प्रसार में किन-किन माध्यमों का इस्तेमाल किया गया और इनपर कुल कितना खर्च आया। उन्होंने कहा कि जिन बिन्दुओं को राज्य सूचना आयोग ने लगी अगली तारीख 14 अप्रैल 2020 को आपत्ति के जरिये रखा जायेगा और उनका जबाब सरकार से लिया जायेगा।