-कृषि विवि में स्वस्थ भारत के नौवें स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद का उद्घाटन
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में स्वस्थ भारत के नौवें स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद का शुभारंभ हुआ। “अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा” विषय पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री डा. खादर वली मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया, सभापति स्वास्थ्य संसद, कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद डा. आर.के सिन्हा, अयोध्या मेयर महंत गिरिशपति त्रिपाठी और आयुर्वेदाचार्य डा. हितेश चंद्र ने जलभरो कार्यक्रम प्रस्तुत कर किया।
कार्यक्रम को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए पद्मश्री डा. खादर वली, मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया ने कहा कि हमारे शरीर में बीमीरियों का मूल कारण आहार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमारे शरीर में एक साथ कई बीमारियां हैं। डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, थायराइड, मेंटली परेशानी आदि बीमारी से मनुष्य जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में मनुष्य स्वास्थ्य के लिए नहीं बल्कि अस्पताल के लिए कार्य कर रहा है। डा. वली ने कहा कि अगर मनुष्य स्वस्थ रहेगा तो उसे अस्पताल में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को सही रखना है तो चावल और गेहूं छोड़ना होगा और श्रीअन्न को अपनाना होगा।
खाद से तैयार अनाज का सेवन मनुष्य कर रहा है जिसके कारण खून का संतुलन लगातार बिगड़ रहा है और कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रहीं हैं। मनुष्य अगर रागी, सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा, कुटकी का सेवन करे तो सुगर, बीपी और थायराइड जैसी बीमारी को छह महीने के अंदर दूर कर सकता है। श्रीअन्न का प्रयोग कर गाढ़े खून के संतुलन को सही रख सकते हैं। स्वास्थ्य संसद के सभापति कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि मिलेट्स का महत्व सिर्फ स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कृषि विवि द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों पर बड़े पैमाने पर मोटे अनाज की खेती हो रही है।
कुलपति ने कहा कि देश का यह पहला कृषि विश्वविद्यालय है जिसे पहले चक्र में ही नैक में A++ ग्रेड प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि विवि के एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल होने के बाद विवि में अफगानिस्तान, श्रीलंका, जिम्बाब्वे, वियनताम और नेपाल के विदेशी छात्रों का प्रवेश हुआ। नैक में सफलता के बाद आने वाले समय में विश्वभर से छात्र-छात्राएं इस विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व राज्यसभा सांसद डा.आर. के सिन्हा ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इम्युनिटी सिस्टम और संतुलन को सही रखना होगा। वर्तमान समय में हार्मोनल संतुलन नहीं होने के कारण महिलाएं अधिकतर अस्वस्थ रहतीं हैं। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखना है तो बाजारों और डेरी के दूध को त्यागना होगा। रिफाइंड तेल का प्रयोग हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है और कोल्हू का शुद्ध तेल खाने में प्रयोग करें।
मेयर महंत गिरिशपति त्रिपाठी ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शाम के समय भोजन नहीं करें और पौष्टिक आहार का प्रयोग करें। आयुर्वेदाचार्य डा. हितेश चंद्र अमृत काल पर व्यंग करते हुए कहा कि मिट्टी, पानी, हवा और दूध सब जहरीला है तो अमृत किस बात का। उन्होंने कहा कि अन्न को ही ब्रह्म मानकर प्रकृति के अनुसार ग्रहण करें। मनुष्य को ऋतु बुक, मित्र बुक और अल्प बुक होना चाहिए।
इससे पहले विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कुलगीत की प्रस्तुति दी और डा. मीनाक्षी पांडेय ने मंगला चरण गाकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। मनीषा के मिलेट सांग “रहना है अगर निरोग तो खाओ श्रीधान्यम”. ..ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर स्वस्थ भारत स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि अधिष्ठाता डा. प्रतिभा सिंह का अहम योगदान रहा। सभी अतिथियों का स्वागत संबोधन स्वस्थ संसद के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा अल्का सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि एवं गीतकार मनोज सिंह ‘भावुक’ ने किया।