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फिर गरमाया यश पेपर मिल से निकलने वाले प्रदूषित पानी का मुद्दा

पीड़ित किसानों के साथ लामबंद हुए सपा व भाकपा नेता

प्रशासनिक अधिकारियों पर किसानों की जमीनों में जबरन नाला खुदवाने का आरोप

(राकेश कुमार यादव)

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फैजाबाद। यश पेपर मिल से निकलने वाले प्रदूषित पानी को लेकर जिले की राजनीति एकबार फिर गर्म हो गयी है। कुछ दिन पूर्व जहां भाजपा के नेता मिल से निकलनेे वाले प्रदूषित पानी को लेकर जहां जांच कराने की बात कह रहे थे वहीं अब समाजवादी पार्टी ने मिल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि मिल प्रबंधन द्वारा नाले के माध्यम से निकाला जाने वाला पानी बिना किसानों की अनुमति लिए जबरन उनकी जमीनों से निकाला जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब मिल से निकलने वाले पानी के लिए नाले की व्यवस्था ही नहीं है तो अबतक यश पेपर मिल चल कैसे रही हैॽ
समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यमंत्री तेजनारायण पाण्डेय व पूर्व विधायक अभय सिंह ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि पूंजीपतियों के कहने पर शुक्रवार को मिल द्वारा निकलने वाले प्रदूषित पानी को निकालने के लिए किसानों की जमीनों में जेसीबी लगाकर नाला खुदवाया गया। उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि का बिना अधिग्रहण व मुआवजा दिये किस आधार पर नाला निकाला जा रहा हैॽ जबकि बरसात के मौसम में चार महीने तक बंधे का फाटक बंद रहता है यह पानी किसानों को तबाह कर रहा है।

बताते चलें कि फैजाबाद-अम्बेडकर नगर मार्ग पर स्थित दर्शननगर में स्थापित यश पेपर मिल जो लगातार करीब कई वर्षों से 16 किमी दूर तक लाखों की आबादी के लिए जानलेवा बन चुकी है फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित पानी को किसानों के खेतों से कच्चे नाले के माध्यम से सरयू नदी में गिराया जाता है नाले के किनारे बसे गावों के लोग जहां संक्रामक रोगों के शिकार हो रहे है वहीं प्रतिवर्ष दर्जनों मवेशी काल के गाल में समा रहे है दो दशक से ज्यादा हो चुके मील के तांडव के खिलाफ ग्रामीण पर्यावरण मंत्री जन प्रतिनिधि, जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, मुख्यमंत्री, प्रदूषण बोर्ड व अन्य अधिकारियों को गन्दे पानी का दंश झेल रहे लोग हजारों प्रार्थना पत्र देकर थक चुके है कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जब इस मिल की स्थापना हुई थी तो क्षेत्रवासियों में औद्योगिक विकास की उम्मीदें जगी थी लोग आशावान थे कि क्षेत्रीय बेरोजगारों को रोजगार मुहैया होगा परन्तु सब कुछ आशा के विपरीत हुआ अन्य प्रांतों व शहरों के लोगों को रोजगार मिल मालिक ने सिर्फ इसलिए दे दिया कि दूर दराज से आये लोग हर मनमानी सहन कर लेंगे मिल प्रबन्धन के खिलाफ कभी आन्दोलन नहीं करेंगे। एक तरफ तो क्षेत्र वासियों को इससे निराशा मिली वहीं दूसरी तरफ मिल के प्रदूषित गन्दे पानी से प्रतिवर्ष मवेशी, फसल नष्ट होने लगे तो लोगों में आक्रोश फैलना शुरू हुआ जिसके फल स्वरूप कई आन्दोलन क्षेत्रीय जनता द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा परन्तु अन्धे कानून में बैठे पालन कर्ताओं की बेरूखी के चलते क्षेत्रीय जनता के मनसूबों को मिल मालिक ने हमेशा अपने पैसों के बल पर नौकरशाहों के मुह में ताला लगा दिया।

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किसानों को न्याय न मिला तो भाकपा 9 अगस्त को करेगी प्रदर्शन

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विधान सभा अयोध्या के प्रत्याशी रहे सूर्य कान्त पाण्डेय ने जिला प्रशासन पर किसान विरोधी कार्यवाई करने का आरोप लगाया है ।उन्होंने कहा कि वर्षो से यश पेपर मिल का प्रदूषण बर्दाश्त कर रहे किसानो के जीवन पर प्रशासन बिजली बनकर गिरा है ।
श्री पाण्डेय ने प्रशासन पर यश पेपर मिल की कठपुतली बनकर किसानो को बर्बाद करने का ठेकेदार बनने का आरोप लगाया है।उन्होने कहा कि किसानो को न्याय न मिलने पर भाकपा 9 अगस्त को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगी ।उन्होंने बताया कि पार्टी की पांच सदस्यीय टीम रामपुर हलवारा,राजेपुर गांव का रविवार 10 जुलाई को दौरा करके पूरे मामले की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजेगी ।
भाकपा नेता ने कहा कि मौजूदा प्रशासन और सरकार का मुकाबला पूँजीवादी दलो के बदौलत असंभव है ।जनता की समस्याओ का समाधान एकजुट वामपंथ से ही संभव है ।उन्होने कहा कि पूजीपरस्त दल जनता की समस्याओ का प्रयोग सेठो के भयादोहन के लिए करते है।

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