-राम शब्द स्वयं में ही हजारों ग्रंथो का रूप : महंत मिथिलेश नन्दिनी शरण
अयोध्या। राम शब्द स्वयं में ही हजारों ग्रंथो का रूप है, ऐसे मे केशव बिगुलर ने अपनी पुस्तक के लिए राम को ही चयन करके प्रभु श्रीराम की नगरी की समस्त रामलीलाओं की गाथाओं को संग्रहीत करने का जो कार्य किया है वह निःसन्देह प्रसंशनीय है। उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए स्थानीय सर्किट हाउस के सभागार में केशव बिगुलर द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘‘रामनगरी की रामलीला’’ के विमोचन समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अयोध्या के प्रख्यात संत व हनुमत निवास के महन्त मिथिलेश नन्दिनी शरण ने आगे कहा कि यह कार्य ऐसे समय मे हुआ जब अयोध्या विश्व के पटल पर चर्चा व विकास का पर्याय बन चुकी है।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मे बोलते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने कहा राम की गाथाओं को विभिन्न विद्वानां ने अपनी-अपनी भाषा में वर्णन किया है। वहीं राम की लीलाओ के बारे में यह पुस्तक जनपद ही नही अपितु देश के कोने-कोने मे अपनी छाप छोड़ेगी, ‘‘रामनगरी की रामलीला’’ नामक इस पुस्तक की रचना करके केशव बिगुलर ने एक ऐतिहासिक कार्य किया है जिसके लिए वे सम्मान व बधाई के पात्र है और मैं प्रयास करूंगा कि मेरे पास प्रभु श्रीराम के उपलब्ध समस्त ग्रंथो को इस पुस्तक सहित स्कैनिंग करा करके सुरक्षित व संरक्षित कराउंगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जब अयेध्या मोदी जी के मार्गदर्शन व योगी जी की निर्देशन से अयोध्या का समग्र व बहुमुखी विकास हो रहा है।
ऐसे मे इस पुस्तक की रचना करते हुए केशव बिगुलर ने पूरे देश को अयोध्या मे हो रही रामलीलाओं से परिचित कराने का एक अच्छा प्रयास किया है। जिसके लिए वह धन्यवाद के पात्र है। समारोह के विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए रूदौली के विधायक रामचन्द्र यादव ने कहा कि रूदौली और आसपास के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जिस तरह केशव बिगुलर ने इस पुस्तक के विभिन्न कथानकों का संग्रह किया है और उसे एक पुस्तक का रूप देते हुए ‘‘रामनगरी की रामलीला’’ की रचना की है। निश्चय ही व बड़े ही कठिन परिश्रम का कार्य है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि केशव बिगुलर का यह कार्य अयोध्या के लिए किया गया एक गरिमामयी कार्य है जिसके लिए अयोध्या शोध संस्थान को इन्हें सम्मानित करना चाहिए।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ. अखिलेश वैश्य ने कहा कि केशव बिगुलर इस रचना में अयोध्या के साहित्यिक स्वरूप मे एक नया इतिहास रचा है। कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् पहनाकर व माल्यार्पण करके देवेन्द्र अग्रहरि एवं अमल गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के शुभारम्भ मे अतिथियों द्वारा प्रभु श्री रामलला की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। मंच पर वयोवृद्ध समाजसेवी भागीरथ पचेरीवाला, भाजपा महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, पुस्तक लेखक केशव बिगुलर, नगर निगम उपसभापति राजेश कुमार गौड़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अर्चना द्विवेदी द्वारा माँ सरस्वती की वन्दना एवं रामभजन का गायन हुआ।
कार्यक्रम मे आशीष अग्रहरि द्वारा विभिन्न रामलीला समितियों से आये उनके प्रतिनिधि जैसे शिव रामकृष्ण श्रीवास्तव (चौरे बाजार), प्रहलाद चन्द्र गुप्ता (शुजागंज), दिनेश प्रताप सिंह (ऐहार), डॉ. माजिद अली(मुमताज नगर), बच्चूलाल यादव(हैदरगंज), विजय प्रताप सिंह (सरायरासी), मंशाराम मौर्य(शंकरगढ़), रोजन अली (अरथर), मृदुल अग्रवाल (ख्वाजाहाल), रेवत प्रकाश पाण्डिया (फतेहगंज), रामबाबू कसौधन (बाकरगंज), अरविन्द गुप्ता (मयाबाजार) का माल्यार्पण करके सम्मान किया गया। वहीं रामलीला के कर्मयोगियों मे पुस्तक में वर्णित भगवान जायसवाल तथा महाबीर प्रसाद गुप्ता बिगुलर का ‘कर्मयोगी सम्मान’ क्रमशः उनके वंशज शिवम जायसवाल व आनन्द गुप्ता ने ग्रहण किया।
उक्त अवसर पर समस्त रामलीलाओं के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ ही प्रमुख रूप से शेषनाथ सिंह, विष्णुशंकर अग्रहरि, मनीष देव गुप्ता, महेश कौशल, भानुचन्द्र गुप्ता, करन सोनी, अवधेश अग्रहरि, ओमीश अग्रहरि, आकाश गुप्ता, अनुभव जायसवाल पूर्व पार्षद, अंगद चौरसिया, राकेश वैद एवं राजेश गुप्ता सहित तमाम गणमान्य बन्धु उपस्थित रहे।