सोनू सिंह ने की आत्महत्या, कारण तक नहीं पहुंच पायी पुलिस
सोनू की संदिग्ध मौत का पुलिस ने उठाया पर्दा‚ कारण तक नहीं पहुंच पायी पुलिस
अयोध्या। बहु चर्चित अजय प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह की मौत की तह तक पहुंचने के पहले ही पुलिस ने आत्महत्या बताते हुए मौत का पटाक्षेप कर दिया है। एसपी सिटी अनिल सिंह सिसोदिया की माने तो अभी भी हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अभी तक मृतक के मोबाइल फोन का वैज्ञानिक विश्लेषण पुलिस नहीं करा पायी है इसलिए आत्महत्या के कारणों तक पहुंचा नहीं जा सका है।
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक नगर अनिल सिंह सिसोदिया ने बताया कि सोनू सिंह पुत्र राजकुमार सिंह मूल निवासी बैंती कला मुकामी निवासी कौशलपुरी कालोनी की मौत के सम्बन्ध में मुकदमा अपराध संख्या 488/18 आईपीसी की धारा 302, 386, 506, 120 बी के तहत थाना कैंट में मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना होने के बाद पुलिस व फील्ड यूनिट ने घटना स्थल को सुरक्षित करते हुए सभी भौतिक साक्ष्य सावधानी से एकत्रित किया घटना में प्रयुक्त रिवाल्वर पी. 4165 बरामद हुआ जिसके सम्बन्ध में पता चला कि यह रामदास वर्मा पुत्र स्व. हौसला प्रसाद निवासी बेलगरा थाना तारून के नाम पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि सिटी लाइफ माल से मृतक के आवास के मध्य सभी सम्भावित मार्गों की सीसी टीवी फुटेज खंगाला गया तथा आसपास के लोगों से गहन पूंछतांछ की गयी। भौतिक साक्ष्यों खूनालूद, रिवाल्वर, पांच कारतूस, एक खोखा शव से प्राप्त बुलेट, मृतक का मोबाइल, मृतक के दौनो हाथों का स्वैब संग्रहित किया गया जिसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ को भेजा गया। यही नहीं साक्ष्यों के अध्ययन के लिए एफएसएल की विशेष टीम बुलायी गयी जिसने भी घटना स्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया।
मृतक के दोनों हाथों पर पाये गये ब्लेक स्पाट पर नाइट्राइट बारूद के अंश
उन्होंने बताया कि घटना की विवेचना, मौके पर पूंछतांछ, मृतक की बेटी व मां और पड़ोसियों से पूंछताछ, सीसी टीवी फुटेज के अवलोकन, परिजनों से पूंछताछ में पाया गया कि मृतक घटना के दिन 2.40 बजे नाका स्थित सिटी लाइफ माल में बेटी और मां के साथ खरीददारी किया उन्हें वहां छोड़कर लगभग 3 बजे अपरान्ह नाका होते हुए अपने आवास कौशलपुरी फेज 2 पहुंचा। सोनू सिंह ने अपने मोबाइल फोन से 3.46 बजे तक एक नम्बर पर बात किया। थोड़ी देर बाद शापिंग माल से सोनू सिंह की बेटी व मां भी आ गयीं तो उन्हें दरवाजा बाहर से बंद मिला बेटी ने अपनी उंगली से सिटकिनी खोलकर अन्दर आना बताया है अन्दर आने पर पिता के सिर पर खून निकलता देख व चिल्लाई और पड़ोसियों से सहायता मांगा, पड़ोसियों की मदद से सोनू सिंह को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से पुलिस को सूचना मिली। उन्होंने बताया कि घटना के समय बाहर से किसी अज्ञात व्यक्तियों के आने और घटना के बाद भागने की आसपास के लोगों से पूंछताछ क गयी परन्तु इसकी पुष्टि नहीं हुई यही नहीं घटना स्थल पर किसी तरह के संघर्ष का लक्षण नहीं पाया गया। घर का दरवाजा अन्दर से बंद था। मृतक के हाथों पर ब्लैक स्पाट, पीएम में इंजरी के आसपास ब्लेकनिंग, टाकटुइंग, बर्निंग होने से फायरिंग करीब से होने की संदेहास्पद स्थिति को देखते हुए मौके की फोटोग्राफी, वीडियो क्लिप, पीएम रिर्पोट को स्टेट मेडिकल लीगल सेल लखनऊ को भेजा गया। उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला की रिर्पोट से स्पष्ट होता है कि मृतक के दोनों हाथों पर पाये गये ब्लेक स्पाट पर नाइट्राइट बारूद के अंश पाये गये, रिवाल्वर की नली में भी नइट्राइट पायी गयी, खोखा कारतूस भी उसी रिवाल्वर से चलना पाया गया। स्टेट मेडिकल लीगल सेल से प्राप्त विशेषज्ञ राय में भी फायर आम्र्स इंजरी सेल्फ इन्फलेक्टेड सेल्फ डिस्चार्ज इंजरी आना पाया गया। वैज्ञानिक तौर पर इससे मृतक द्वारा स्वयं घटना कारित करना प्रमाणित होता है। स्पष्ट है कि मृतक द्वारा आत्महत्या की गयी। उन्होंने बतायाकि आत्महत्या की परिस्थितियों व कारणों के सम्बन्ध में गहन साक्ष्य संकलन के लिए मृतक का मोबाइल वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है साथ ही मौके से बरामद रिवाल्वर के चोरी होने और घटना स्थल तक पहुंचने के सम्बन्ध में गहन विवेचना प्रचलित है।
सत्ता पक्ष के दबाव में पुलिस हत्या को बता रही आत्महत्या
पुलिस पर मृतक के पिता राजकुमार सिंह ने लगाया आरोप
कौशलपुरी कालोनी में 22 दिसम्बर को अजय प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह की हत्या को आत्महत्या ठहराने के बाद पुलिस पर मृतक के पिता राजकुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस पूरी तरह सत्तापक्ष के दबाव में है इसीलिए वह शुरू से आत्महत्या साबित करने में जुटी रही।
उन्होंने बताया कि पुलिस के संदिग्ध रवैये और निष्पक्षता पर यकीन न होने के कारण ही हमने सरकार से इस मामले में सीबीआई जांच करवाने की लिखित मांग किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस का यह कहना कि दरवाजा अन्दर से बंद था पूरी तरह निराधार है अन्दर से दरवाजा बंद नहीं था यदि बंद होता तो उसे धक्का देने पर किसी भी सूरत में खोला नहीं जा सकता था। उन्होंने बताया कि पुलिस तमाम सबूतों को नजरंदाज शुरू से करती आयी है। जिस दिन घटना हुई उसदिन सोनू सिंह के एक जूते का सोल जहां टूटा पाया गया वहीं दूसरे जूते पर ठोकर के निशान थे। यही नहीं सीना और हाथ में चोट का भी निशान पाया गया था जिसे पुलिस ने नोटिस में नहीं लिया। चूंकि कोर्ट पेशी होनी है इसलिए पुलिस विवेचना अधूरी होने के बावजूद आत्महत्या दर्शाते हुए मामले का खुलासा कर डाला। हम अभी भी सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की सीबीआई जांच करायी जाय तभी दोषियों को सजा मिल पायेगी।
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