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दीपोत्सव के लिए राम की पैड़ी के घाटों पर स्केचिंग का कार्य प्रारम्भ

-रामायण कालीन कथाओं के आधार पर अयोध्या के पौराणिक महत्व को उकेरा जायेगा

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने पांचवें दिव्य दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए अयोध्या में राम की पैड़ी के घाटों पर स्केचिंग का कार्य शुरू किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्य शुरू किया। कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह के निर्देश पर दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 शैलेन्द वर्मा ने अयोध्या में राम की पैड़ी के 32 घाटों पर स्केचिंग के लिए स्थलों का निरीक्षण कर कार्य की शुरूआत कराई।

प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग एवं अवध विश्वविद्यालय सहित अन्य के सहयोग से 03 नवम्बर को होने वाले दीपोत्त्सव के तीन दिन पूर्व तक घाटों पर स्केचिंग का कार्य होता रहेगा जिसमें रामायण कालीन प्रसंग एवं 9 लाख दीए लगाने के लिए चित्र उकेरे जायेंगे। इसमें 7 लाख 51 हजार दीए जलाये जायेंगे। इस कार्य को 12 हजार वालंटियर अंतिम रूप देंगे। दीपोत्सव के लिए छात्र-छात्राओं की टीमों के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। रामायण कालीन कथाओं के आधार पर अयोध्या के पौराणिक महत्व को उकेरे जाने के लिए स्केच तैयार किए जा रहे है। अयोध्या के आध्यात्मिक परिदृश्य को दीपों के माध्यम से प्रदर्शित कर जनमानस के मध्य अयोध्या के प्राचीनकाल की महत्ता को दिखाने पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें 7 लाख 51 हजार दीए 12 हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से जलाएं जायेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रविशंकर सिंह ने तैयारियांं के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय स्तर से समीक्षा करनी शुरू कर दी है। इसके लिए दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रोफेसर शैलेन्द वर्मा को घाटों पर दीए लगाने एवं तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान कर दिया है।

कुलपति प्रोफेसर सिंह ने बताया कि अयोध्या का दीपोत्सव एतिहासिक दृष्टि से हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय पुनः पांचवी बार इस एतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है। पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा चार बार के दीपोत्सव में तीन बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज किया है। इस बार 7 लाख 51 हजार दीए जलाकर पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करेंगे। नोडल अधिकारी प्रोफेसर शैलेन्द वर्मा ने बताया कि दीपोत्सव को भव्य रूप देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन 23 अक्टूबर से अयोध्या के 32 घाटों पर दीए एवं रामायणकालीन चित्रण का कार्य शुरू कर देगा। 3 नवम्बर को होने वाले दिव्य दीपोत्सव के तीन दिन पूर्व तक चित्रण का कार्य चलता रहेगा।

इसके उपरांत स्वयंसेवकों द्वारा दीए बिछाने का कार्य होगा। इसमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इण्टर कालेज के स्वयंसेवी संस्थाओं के 12 हजार स्वयंसेवकों जिसमें 32 प्रेक्षक, 200 समन्वयक के सहयोग से अयोध्या के 32 घाटों पर 9 लाख दीएं लगाएंगे। जिसमें 7 लाख 51 हजार दीएं प्रज्ज्वलित करेंगे। इसमें 20 बुर्ज को भी शामिल किया गया है। स्वयंसेवकों को दीए बिछाने एवं जलाने सुरक्षा के दृष्टिगत 14ग14 का एक ब्लाक बनाया जायेगा जिसमें दीए बिछाये जायेंगे। दीपोत्सव के दिन इन चित्रों में रखे दीए थ्रीडी एनिमेशन के साथ जलाएं जाएंगे। प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि तैयारियां के सम्बन्ध विश्वविद्यालय स्तर से अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ कई बार बैठके की गई है।

विश्वविद्यालय स्तर से दोपात्सव के लिए कमेटियां गठित कर दी गई है और उन्हें उनके कार्यों से अवगत करा दिया गया है। दीए खरीदने, स्वयंसेवकों के भोजन व परिधान समेत अन्य कार्यों का दायित्व विश्वविद्यालय द्वारा लखनऊ की लकक्षक एलएलपी टेक को सौपा गया है।

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