फैजाबाद। तीज त्यौहार भारतीय संस्कृति और सभ्यता के मुख्य और अभिन्न अंग हैं। विविधता लिये हुए यह त्यौहार हमारे कुण्ठित और नीरस जीवन में नया जोश, नई चेतना एवं नयी ऊर्जा प्रदान करते हैं। साथ-साथ ये त्यौहार अपनी सांस्कृतिक धरोहर की पहचान बनाये रखने में समर्थ होते हैं। थधड़ी सिन्धी समाज का प्रमुख त्यौहार है। सिन्धी त्यौहारों में थधड़ी को मुख्य स्थान प्राप्त है। यह बातें सिन्धु महिला परिवार की अध्यक्ष मुस्कान सावलानी ने थधड़ी पूजन पर्व के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि यह बासोड़ा त्यौहार का ही रूप है। थधड़ी के दिन शीतला माता का पूजन होता है। तत्पश्चात एक दिन पहले बनाया हुआ ठण्डा भोजन ग्रहण किया जाता है। सिन्धु महिला परिवार की प्रवक्ता चेतना वासवानी ने बताया कि सिन्धी समाज ने बीते शनिवार की शाम को तरह-तरह के व्यंजन तैयार किये जिसमें आटे की मीठी रोटी, पूड़ियाँ, बेसन की रोटी, बेसन की पकौड़ी, बूॅंदी का रायता व विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियाँ आदि शामिल हैं। इस मौके पर रामलक्ष्मी शर्मा ने बताया कि थधड़ी पर्व का सिन्धी समाज में अत्याधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि इस त्यौहार के दिन ठण्डा भोजन ग्रहण करने पर वर्ष भर घर में सुख-शान्ति बनी रहती है। सिन्धी समाज के प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि थधड़ी पर्व के अवसर पर सिन्धी समाज के प्रत्येक परिवार की महिलायें मन्दिरों में एकत्रित होकर पूजा अर्चना करती हैं।
सिंधी महिलाओं ने मनाया थधड़ी त्यौहार
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