-स्वस्थ मन ही कर पाता है मनोदबाव का शमन : डॉ. आलोक मनदर्शन
अयोध्या। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति वही है जो दैनिक जीवन के मनोदबाओं से हताश न होते हुए अपनी क्षमता का श्रेष्ठ उपयोग करता है। साथ ही,प्रभावी व उत्पादकतापूर्ण कार्य करते हुए समुदाय हित में भी योगदान करता है। यह बातें झुनझुन वाला पी जी कॉलेज व जिला चिकित्सालय के किशोर मनोस्वास्थ्य इकाई के सँयुक्त तत्वाधान में आयोजित “ मानसिक स्वास्थ्य के मनोगतिकीय पहलू“ विषयक कार्यशाला में किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कही।
विभिन्न व्यक्तित्व विकारों पर गहन चर्चा हुई जो कि आगे चलकर गम्भीर मनोरोग का कारण बनते है तथा विकार ग्रस्त व्यक्तित्व को संज्ञान व्यहार मनोउपचार द्वारा उचित परामर्श पर जोर दिया गया। परिवार के सहयोग पर विशेष जोर देते हुए फैमिली थेरेपी के सिद्धांत पर चर्चा हुई और बताया गया कि परिवार एक चेन है और मानसिक रूप से टूट चुका व्यक्ति उस परिवार की सबसे कमजोर कड़ी होती है ।अतः जरूरत इस बात की है चेन रुपी परिवार की हर कड़ी को फिर से मजबूत किया जाय। कार्यक्रम के अंत मे मनोरोगों के प्रति व्याप्त अज्ञानता, अंधविश्वास, छिपाने की प्रवृत्ति तथा भेदभाव को इलाज में गम्भीर बाधा के रूप में स्वीकार्यता व मनोजागरुकता पर जोर दिया गया क्योंकि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इस वर्ष का विषय है सभी के लिये सहज व सुलभ मनोस्वास्थ्य सेवा।
कार्यशाला के माइंडफुलनेस क्विज राउंड में श्रुति व वैशाली को विजेता चुना गया तथा मेन्टल हेल्थ पोस्टर प्रतियोगिता में अर्पिता, साक्षी,प्रिया, व जीनत विजयी रहे।संचालन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ सरिता मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरुण ओझा ने ज्ञापित किया। कार्यशाला में मनोविज्ञान विभाग के छात्र ,छात्राए व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।