पुलिस घंटो मेमो में दर्ज मृतक को तलाशती रही अन्त में मामले का खुलासा हुआ
फैजाबाद। सरकारी जिला चिकित्सालय में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। फार्मासिस्ट ने पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के पास जो मेमो भेजा उसपर मृतक के बजाय उसके कजिन जो जिन्दा है का नाम भेज दिया। पुलिस घंटो मेमो में दर्ज मृतक को तलाशती रही अन्त में मामले का खुलासा हुआ।
जानकारी के अनुसार बीकापुर क्षेत्र के ग्राम कोदैला निवासी 18 वर्षीय शिवांश तिवारी पुत्र अनूप कुमार तिवारी ने बुधवार को कीटनाशक पी लिया। हालत बिगड़ने पर उसके कजिन शशांक व अन्य परिवारीजन जिला चिकित्सालय दोपहर 12.40 पर पहुंचे और उसे भर्ती कराया। इलाज के दौरान दोपहर 1.40 पर किशोर शिवांश तिवारी की मौत हो गयी। डा. नानक सरन ने भर्ती शिवांश के मृत्यु की पुष्टि करते हुए बीएसटी पर दर्ज किया। पुलिस को दो मेमो भेजे गये शिवांश जब भर्ती किया गया तो फार्मासिस्ट हनुमंत प्रसाद दूबे ने मेमो संख्या 2795 के द्वारा शिवांश के जहर खाने की लिखित जानकारी कोतवाली नगर को दी। मौत हो जाने के बाद दूसरा मेमो संख्या 2597 फार्मासिस्ट हनुमंत प्रसाद दूबे द्वारा ही बनायी गयी। मेमो पर डा. ए.के. वर्मा ने हस्ताक्षर किया। इस मेमो पर मृतक का नाम शशांक दर्ज कर लिया गया। शशांक ने ही किशोर शिवांश को जिला चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया था।
रिकाबगंज चौकी की पुलिस जब जिला चिकित्सालय मृतक शशांक का शव पोस्टमार्टम के लिए लेने पहुंची तो पता चला कि मर्चरी में इस नाम के किसी युवक का शव ही नहीं है। चिकित्सालय प्रशासन में भी अफरा तफरी मच गयी काफी देर बाद यह गलती पकड़ी गयी कि फार्मासिस्ट हनुमंत प्रसाद दूबे ने जल्दबाजी में शिवांश को भर्ती कराने वाले उसके दूर के भाई शशांक का नाम दर्ज कर दिया है। फिलहाल गलती को बाद में सुधारा गया।