अयोध्या। राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल का कहना है कि कवि के पास पालक के साथ बालक भी होना चाहिए। कवि को गम्भीरता पूर्वक कविता करनी चाहिए चाहे वह किसी भी रस या शैली मे कविता कहता हो। उक्त बाते उन्होने अयोध्या संभाग में हुई राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर नानकपुरा में आयोजित काव्य गोष्ठी के दौरान कही। जगदीश मित्तल को स्मृति चिन्ह देकर संस्कार भारती के विभाग संयोजक हरीश श्रीवास्तव ने सम्मानित किया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता प्रांतीय संरक्षक अशोक सिंह तथा संचालन इकाई के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार द्विवेदी अरुण ने किया। मंच पर संस्था के राष्ट्रीय मंत्री कमलेश मौर्य मृदु, प्रान्तीय अध्यक्ष अनिल व प्रान्तीय उपाध्यक्ष शिवकुमार व्यास के साथ संस्कार भारती के विभाग संयोजक हरीश श्रीवास्तव मौजूद रहे।
कार्यक्रम में कवियत्री काव्यायिनी उपाध्याय ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की। अंकित शुक्ला की प्रस्तुति युवा राष्ट्र शक्ति का वाहक, युवा गंग की धार है, अनुजेन्द्र त्रिपाठी ने ‘‘राष्ट्र की अखण्डता को तोड़ते हो खण्ड खण्ड’’ जतिन फैजाबादी ने उठते रहे ‘‘जनाजे वीरों के होलियों से की’’ से दर्शकों की खूब तालिया बटोरी। शलभ फैजाबादी ने ‘‘पुनः यही दोहराते रहेंगे हम’’, ओम प्रकाश उपाध्याय ने जय जय भारत वीर जवान की प्रस्तुति करके देशभक्ति का भाव जगाया। इनके अलावा पूजा यक्ष, अन्वेशा श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, अरुण कुमार द्विवेदी अरुण ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश सिंह, अंजनी पाण्डेय, अमितेश, क्षितिज मिश्रा, मुन्ना सिंह, अंजनी ओझा, पूजा सिंह, सतीश पाण्डेय, निर्मल तिवारी, सुनील प्रियदर्शी, विवेक पाण्डेय, बृजमोहन तिवारी, रेणुका श्रीवास्तव मौजूद रहे।
Tags Ayodhya and Faizabad काव्य गोष्ठी
Check Also
प्राणियों की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है : महन्त कमलनयन दास
-श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सालय में आयोजित त्रिदिवसीय निःशुल्क नेत्र चिकित्सा सेवा शिविर का हुआ समापन …