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हिंसात्मक कृषि छोड़ें, प्राकृतिक खेती करें किसान : आचार्य देवव्रत

-कृषि विवि में प्राकृतिक खेती परामर्श संगोष्ठी का हुआ आयोजन, 25 प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित


मिल्कीपुर।गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि यह कृषि विश्व विद्यालय पूरे देश में नंबर वन विवि बन गया है। हमनें बहुत विवि देखे लेकिन यह विश्वविद्यालय पूरी तरह से जीवंत है। इस मौके पर उन्होंने कुलपति के साथ-साथ कृषि मंत्री के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले कैंसर, सुगर और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारी नहीं थी लेकिन आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी की समस्या से जूझ रहा है।आज की कृषि प्रणाली हिंसात्मक हो गई है जो मनुष्यों की जिंदगी को धीरे-धीरे निगल रही है।

उन्होंने कहा कि अपने देश में किसान भाईयों को डीएपी, यूरिया आदि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बंद कर प्राकृतिक और जैविक खेती का रास्ता अपनाना होगा। अगर 10 साल के बच्चे को कैंसर हो रहा है तो उसका मुख्य कारण आहार है और उसके जिम्मेदार भी हम हैं। राज्यपाल ने कहा कि यूरोप और अमेरिका में हमारे सैंपल फेल हो जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका में लोग धान की खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सही समय पर चेतने की जरूरत है। यूएनओ के रिपोर्ट के मुताबिक 40 से 50 साल में विश्व की धरती फर्श हो जाएगी और किसी अनाज की पैदावार नहीं हो सकेगी।

राज्यपाल ने कहा कि केंचुआ धरती को उपजाऊ बनाने का कार्य करता है लेकिन किसान अधिक उपज पैदा करने के चक्कर में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर इन्हें मारने का कार्य कर रहे हैं। यूरिया में 46 प्रतिशत मात्रा नमक की होती है। धरती का आर्गेनिक कार्बन 0.6 हो गया है। जमीनें बंजर हो चुकी हैं। खाना, पानी और हवा सबको अशुद्ध करने में हम ही जिम्मेदार हैं। आगे भी यही हालत रही तो आने वाले समय में इंसान बच्चे तक नहीं पैदा कर पाएगा। उन्होंने कहा कि जैविक एवं रासायनिक खेती में खर्च आएगा लेकिन प्राकृतिक खेती करने के लिए बाजार से कुछ भी नहीं खरीदना है। घर में देशी गाय से हम प्राकृतिक खेती को कर सकते हैं। गाय के एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ तक जीवाणु होते हैं और छुट्टा जानवरों में इनकी संख्या और अधिक हो जाती है। किसान अगर जैविक खेती करते हैं तो तीन वर्ष के बाद किसानों को अधिक उत्पादन मिलना शुरू हो जायेगा। इस दौरान उन्होंने विवि में चलाए जा रहे वृहद वृक्षारोपण अभियान की उन्होंने सराहना की।

वे शनिवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में प्राकृतिक खेती पर आयोजित परामर्श संगोष्ठी में किसानों को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का शुभारंभ सभी अतिथियों ने जल भरो कार्यक्रम के साथ किया। छात्राओं ने विश्वविद्यालय कुलगीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देशभर में यह पहला विश्वविद्यालय है जिसने एक ही बार में नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त किया है। आज से कुछ समय पहले प्राकृतिक खेती के कारण हमारा देश सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। हमारे देश में काफी धन संपदा थी और प्राकृतिक उत्पाद विदेशों में जाता रहा।

शाही ने कहा कि आज पोषणयुक्त अनाज नहीं खाने से मनुष्य कैंसर, सुगर, थायराइड जैसी कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहा है। समय रहते अगर सावधानी नहीं बरती गई तो आने वाली पीढ़ियां खतरें में होंगी। मंत्री शाही ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार कर रहीं हैं। बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती का हब बनाने पर तेजी से कार्य हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रीलियन डालर तक पहुंचाने में प्राकृतिक खेती की अहम भूमिका होगी। आज हमारा देश विदेशों को आम और अन्य उत्पाद निर्यात कर रहा है। 40 कुंटल आम अमेरिका भेजा गया है। उन्होंने कहा की कृषि विवि में 10 करोड़ की लागत से आर्गेनिक टेस्टिंग लैब बनेगा जिसमें प्राकृतिक खेती के उत्पादों की टेस्टिंग हो सकेगी।

इसके लिए किसानों को दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि अगर देश का प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ अपने देश और एक पेड़ मां के नाम लगाए तो पूरे देश में हरियाली आ जायेगी। छात्र-छात्राओं द्वारा वृहत वृक्षारोपण अभियान को मंत्री ने जमकर सराहा और उन पौधौं की रक्षा करने की भी बात कही। अगले 2 वर्षों में 1500 लोगों की क्षमता का ऑडिटोरियम बनाने का भी उनका लक्ष्य है।

अपने स्वागत संबोधन में कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को पहली बार में ही नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ यही सभी की सामूहिक परिश्रम का परिणाम है। कुलपति ने कहा की विश्वविद्यालय में 10 एकड़ बंजर भूमि पर प्राकृतिक एवं जैविक खेती की जा रही है। जिस जगह पर कभी जानवर जाने से डरते थे आज वहां फसल लहलहा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हो या शोध एवं प्रसार सभी क्षेत्रों में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व प्रगति की है। कुलपति ने कहा कि एनआइआरएफ रैंकिंग में आने के बाद विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों का प्रवेश हुआ। अब नैक मूल्यांकन में सर्वोच्च ग्रेड पाने के विदेशी छात्र-छात्राओं की संख्या में तेजी से इजाफा होगा।

इस मौके पर राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती एवं अन्य क्षेत्र में काम करने वाले 25 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। समस्त अतिथियों ने प्राकृतिक खेती, शोध एवं प्रसार साहित्य का विमोचन किया।इससे पहले सभी अतिथियों ने नरेंद्र उद्यान पहुंचकर आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया उसके बाद अपनी मां के नाम एवं देश के लिए वृक्षारोपण किया।

राज्यपाल एवं मंत्री शाही गौपूजन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इसके बाद राज्यपाल एवं अन्य अतिथिगण मुख्य कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जहां किसान मेले में लगे विभिन्न स्टालों का भ्रमण किया। धन्यवाद ज्ञापन कृषि निदेशक जितेंद्र कुमार तोमर ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सीताराम मिश्रा ने किया। इस मौके पर रुदौली विधायक रामचंद्र यादव, बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अयोध्या रोली सिंह, किसान, शिक्षक, वैज्ञानिक सहित जिले से पहुंचे अन्य प्रशासनिक अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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