सोहावल। स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में आयोजित काव्यान्जलि सम्मेलन में कवियों ने लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। पड़ोसी जनपदों से आये दर्जन भर से ज्यादा कवियों की पढ़ी गयी रचनाएं हास्य व्यंग और देशभक्ति से सराबोर रही। पुष्कर सुल्तानपुरी के संचालन में रविवार को तहसील परिसर में सम्पन्न हुए इस कवि सम्मेलन में कर्मराज शर्मा तुकांत ने पढ़ा। दुनिया मे इनसे बेहतर पहचान नहीं है। इनकी दुआ से बढ़कर वरदान नहीं है। कर पाओ जितनी सेवा कर बिगड़ी बना लो। माँ बाप से बढ़कर कोई भगवान नहीं है।
स्व. अटल जी पर शोभनाथ फैजाबादी ने कहा कि हर एक दिल पे वो जादू की तरह आज भी हैं। किसी गरीब के आंसू की तरह आज भी है। उनकी फितरत थी फिजाओ में बिखर जाने की। हमारे बीच वो खुशबू की तरह आज भी है।
डॉ. अशोक प्रातापगढ़ी ने कहा कि बात होती है आशियाने की, बात होती नहीं घराने की।वीर रस के अनुजेंद्र तिवारी ने पढ़ा राष्ट्र की अखंडता को तोड़ते हो खण्ड खण्ड। राजनयिक भावना ये कब तक आयेगी। लखनऊ के अशोक अग्निपथ ने पढ़ा पीठ ठोक था कहा तात, ये मान हमारा रख लेना। भारत माँ की खातिर तुम जय हिंद लहू से लिख देना। रामानन्द सागर फैजाबादी ने कहा ई बंजर बुढ़ौती मा अब अनुराग न डालौ। ठंडाये गई देह तौ आग न जले। जब तन से जवानी कै तेल खतम होय गवा। कुल माचिस फूंक डारौ मुल चिराग न जले।
विधायक शोभा सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कब्यान्जलि मे कवि कमल अग्नेय सहित डा व अमित सिंह,एसपी श्रीवास्तव,गिरजेश त्रिपाठी,कप्तान तिवारी बेद गुप्ता आदि बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
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