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बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद : प्रो. मनोज दीक्षित

भारत रत्न एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की मनायी गयी जयंती

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में महान स्वतत्रंता सेनानी, भारत रत्न एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
इस अवसर कुलपति प्रो0 दीक्षित ने कहा कि डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनका जीवन सादगी के साथ-साथ काफी बड़े व्यक्तित्व के रूप में था। त्याग की मूर्ति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद, सरदार पटेल के काफी करीबी रहे है। देश के लिए उनका जीवन सदैव समर्पित रहा है और देश के लिए त्याग की मूर्ति के रूप में सर्वप्रिय थे। राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति से समृद्ध डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति भवन में मात्र तीन कमरों में अपने दायित्वों का निर्वहन किया। कई भाषाओं के ज्ञाता प्रथम राष्ट्रपति ने देश को आदर्श जीवन-यापन के कई जीवंत उदाहरण दिये है। कुलपति ने छात्र-छात्राओं से कहा कि डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद से काफी कुछ सीखनें की आवश्यकता है। भारत के आदर्श पुरूषों में डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद का नाम अविस्मरणीय रहेगा।
विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय ने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद का स्वतत्रंता संग्राम में अतुलनीय योगदान रहा है। भारत के नवनिर्माण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रो0 राय ने छात्र-छात्राओं को डॉ0 प्रसाद जी के जीवन आदर्शों पर चलने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने कहा कि डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद का जीवन देश के प्रति हमेशा समर्पित रहा है। आज जरूरत है उनके कृतित्व व व्यक्तित्व को आत्मसात करने की। इस अवसर पर प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, खलीक अहमद खॉ, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 प्रदीप त्रिपाठी, सहित बड़ी संख्या छात्र-छात्राएं उपस्थिति रही।

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