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सादगी, सरलता व अनुशासन के प्रतिमूर्ति थे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद : अशोक श्रीवास्तव

सजपा ने मनाई भारत के प्रथम राष्ट्रपति की जयंती

अयोध्या। समाजवादी जनता पार्टी (चंद्र शेखर) द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद की जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी, जिसकी अध्यक्षता सजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई ।
प्रदेश अध्यक्ष ने डा राजेन्द्र प्रसाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी सादगी, सरलता और अनुशासन की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने बताया कि एक बार गांधीजी चंपारण आंदोलन के सिलसिले जिला चंपारण जा रहे थे जाते समय पटना में डॉ राजेन्द्र प्रसाद से मिलने गए,देर होने कारण वहां उनके सेवक जो गांधीजी को नही पहचानता था कहा अब डॉ साहब सुबह मिलेंगे, तब गांधीजी ने कहा हम इंतजार कर लेंगे और वह वही बेंच पर सो गए ,डॉ राजेन्द्र प्रसाद सुबह उठकर टहलने निकले तो गांधीजी को देखकर आश्चर्यचकित हो गए और पछतावा करते हुए पूंछा आखिर आपने बताया क्यो नही तब गांधीजी ने कहा कि हम याचक बनकर आये है आप हमारे साथ चम्पारण चले और अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आंदोलन में मेरा साथ दे तब डॉ राजेन्द्रजी ने कहा मेरे परिवार का क्या होगा , गांधीजी ने उत्तर दिया वही होगा जो पूरे हिंदुस्तान का हो रहा है डॉ राजेन्द्रजी गांधी जी के साथ चल दिये ।उनकी मिसाल इतिहास में यदाकदा ही मिलते है समारोह में आये जिला अध्यक्ष शिव प्रकाश यादव एडवोकेट ने बताया डॉ राजेंद्र प्रसाद जी स्वतंत्र भारत के संविधान के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई वे संविधान सभा के अध्यक्ष थे,आज उसी संविधान को वर्तमान बे जे पी सरकार खत्म करना चाहती है उनकी जयंती को संविधान बचाओ दिवस के रूप भी मनाया जाने चाहिए। समारोह को वेद प्रकाश,जिला सचिव श्याम प्रकाश व पूर्व जिला अध्यक्ष राजेश नन्द व विद्यालय की प्रधानाचार्य आदि ने संबोधित किया।

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