– प्रायश्चित कर्म पूजा, कलशयात्रा मंगल को
अयोध्या। श्रीराम के मंदिर को भव्यता देने का कार्य लगातार जारी है। मंदिर का शिखर स्वर्ण जड़ित बनाया गया है जो दूर से ही चमक बिखेरता है। मंदिर को दर्शनीय और भव्य बनाने के लिए हर प्रयास किया जा रहा है जो कि नजर भी आ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को मंदिर के स्वर्ण जड़ित भव्य और चमकदार शिखर की तस्वीरें जारी की हैं। जिससे राममंदिर की दिव्यता बढ़ गयी है। मंदिर में पांच जून को राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अनुष्ठान तीन जून से प्रारंभ हो जाएंगे।
वहीं श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर परिसर के नवनिर्मित देवालयों में देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पूर्व संध्या पर मंगलवार यानि दो जून को प्रायश्चित कर्म पूजा होगी और सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुण्य सलिला सरयू का पवित्र जल कलशों में भरकर मांगलिक यात्रा के रूप में सरयू तट से यज्ञमंडप तक पहुंचेंगी। काशी के यज्ञाचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी, उपाचार्य चन्द्रभानु शर्मा (दिल्ली) तथा अमरनाथ ब्रह्मा (बस्ती) के साथ प्रयाग,काशी, देवप्रयाग, हरिद्वार, जम्मू, दिल्ली, कानपुर, कोलकाता, अयोध्या आदि स्थानों के ऋत्विक अनुष्ठान सम्पन्न कराएंगे। इनकी कुल संख्या 101होगी।
इस निमित्त यज्ञशाला को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। इस हेतु ट्रस्ट की ओर से नियुक्त शैलेन्द्र शुक्ल के अनुसार सभी आवश्यक सामग्री जुटा ली गई है। दो जून मंगलवार को प्रायश्चित कर्म/पूजा द्वितीय बेला में तीन बजे प्रारम्भ होकर साढ़े चार बजे तक चलेगी। इसके सम्पन्न होते ही पुराने सरयू पुल के पूर्वी तट से महिलाओं की जलकलश यात्रा प्रारम्भ होगी जो वीणा चौक, रामपथ, श्रृंगार हाट, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, रामकोट एवं रंगमहल बैरियर होते हुए साढ़े छह बजे तक यज्ञशाला पहुंचकर सम्पन्न होगी।
अगले दिन की अनुष्ठान विधि प्रातः साढ़े छह बजे प्रारम्भ होगी।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को मंदिर के स्वर्ण जड़ित भव्य और चमकदार शिखर की तस्वीरें जारी की हैं। मंदिर में पांच जून को राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अनुष्ठान तीन जून से प्रारंभ हो जाएंगे।