-स्ववित्तपोषित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन
अयोध्या। स्ववित्त पोषित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रायोगिक परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय की ओर से लिए गए निर्णय को लागू किये जाने के सम्बन्ध में अवध विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। संगठन का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत प्रायोगिक परीक्षा के लिए लिया गया निर्णय महाविद्यालयों एवं शिक्षकों के हित में है। इस व्यवस्था के द्वारा पहली बार स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं में किये जाने वाले शोषण से मुक्त होने की उम्मीद जगी है।
अनुदानित महाविद्यालयों के साथ-साथ स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्राचार्यों पर विश्वविद्यालय द्वारा विश्वास किया जा रहा है। किन्तु लिफाफे का दौर खत्म होते देख इसका विरोध किया जाने लगा है। उक्त निर्णय विद्यापरिषद, कार्यपरिषद, विषय विशेषज्ञ कन्वीनर एवं अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्यों के समर्थन एवं संस्तुति के पश्चात् ही लिया गया है। अतः स्ववित्तपोषित शिक्षक एन.ई.पी. 2020 के तहत प्रायोगिक परीक्षा नीति को यथाशीघ्र लागू करने की माँग करते है और यह कहना चाहते है कि तत्काल में इसे बिना प्रयोग किये अविश्वास का कारण न माना जाय। इसे लागू करने में स्ववित्त पोषित शिक्षकों के हित को अवश्य ध्यान में रखा जाय।
यदि भविष्य में इससे शिक्षकों या छात्रों का आहित या कोई अन्य समस्या आती है तो आवश्यक सुधार संशोधन किया जाय। जो कि विश्वविद्यालय, शिक्षक एवं छात्रहित में हो। ज्ञापन सौंपने वालों में स्ववित्त पोषित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.घनश्याम यादव महामंत्री डॉ.अखिलेश्वर चौबे संगठन मंत्री डॉ.आशुतोष पाण्डेय विमल सिंह यादव डॉ.सोहन सिंह डॉ.विनोद यादव डॉ सी.बी.सिंह डॉ.रूपेंद्र कुमार पंकज सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।