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नगर पंचायत कर्मी भुखमरी की कगार पर

बीते दो महीने से नही मिला वेतन

बीकापुर-अयोध्या। बीकापुर नगर पंचायत कर्मियों को बीते दो महीने से वेतन न मिल पाने से निकाय कर्मी भुखमरी की कगार पर पहुच गये है। वही दूसरी तरफ पखवारा भर पूर्व से नगर पंचायत की अधिशाषी अधिकारी की कुर्सी खाली रहने से नगरवासियों का कार्य भी गंभीर रूप से प्रभावित है। सूत्रो की माने तो नगर पंचायत बीकापुर में स्थायी, सम्विदा और ठेकेदारी प्रथा पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब 42 की है। कर्मचारियों के मुताबिक उन्हे पिछले दो माह से वेतन नही मिल पा रहा है।

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अधिशाषी अधिकारी की कुर्सी खाली

कर्मचारी यह भी कहते है कि अधिशाषी अधिकारी की कुर्सी खाली रहने से वह अपनी समस्या का समाधान कैसे और किससे कराये। सूत्र यह भी बताते है कि शासन स्तर से यहां पर तैनात अधिशाषी अधिकारी रागिनी वर्मा का ट्रांसफर बीकापुर से गोसाईंगंज नगर पचायत के लिए और गोसाईंगंज में तैनात अधिशाषी अधिकारी मेघा गुप्ता का ट्रांसफर बीकापुर के लिए किया गया था। बताते है कि अधिशाषी अधिकारी मेघा गुप्ता ने बीकापुर नगर पंचायत के लिए अपनी ज्वाइंनिग दे दी किन्तु इसी बीच यहां पर तैनात अधिशाषी अधिकारी रागिनी वर्मा ने अपने ट्रांसफर को रद कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। जहां से उनके ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई। नतीजतन अधिशाषी अधिकारी की तैनाती का मामला अब हाईकोर्ट और शासन के बीच उलझ कर रह गया है। जिसकी वजह से नगर वासियों के नीतिगत कामकाज पूरी तरह ठप्प हो गये है। कर्मचारी अपने वेतन का रोना रोते है और पीडित प्रभावित नगरवासी अपने काम न होने का रोना रहे है। चेयरमैन हर किसी को आश्वासन का घूट पिलाकर उनकी समस्याओ को फ्रिज में डालकर किसी तरह अपना पिण्ड छुडाने की जुगत में रहते है।

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