अयोध्या। अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि भगतसिंह के विचार मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों का आंकलन आजादी के आंदोलन के दौरान ही कर लिया था। जिसके कारण उन्होंने 1928 में ही साम्प्रदायिकता और उसका इलाज़ नामक लेख लिखा है।
श्री पाण्डेय शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव राजगुरु के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्थापित स्वतंत्रता संग्रामके मूल्यों के माध्यम से वर्तमान परिस्थितियों का सामना आसानी से किया जा सकता है। इसके पूर्व संस्थान के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने नगर निगम स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रोफेसर विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि क्रांतिकारी आंदोलन के महानायक थे भगतसिंह ही थे।
उन्होंने उनके विचारों पर व्यापक चर्चा किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी आंदोलन का योगदान मील का पत्थर साबित हुआ। इस अवसर पर भगतसिंह ट्रस्ट के सत्यभान सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संस्थान के कोषाध्यक्ष अब्दुल रहमान भोलू, विकास सोनकर, विश्व प्रताप सिंह अंशू,राजू खान, राजेन्द्र यादव, गुड़िया, रमाशंकर गुप्ता पिल्लू, जसवीर सिंह सेठी, आशीष जायसवाल आदि ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को याद किया।