-एक अनोखा काम असगर कमसिनी में कर गए मिसरे पर हुई शब्बेदारी
अयोध्या। अंजुमन गुंचाए मजलूमिया की बयादे असगरे मासूम आल इण्डिया तरही शब्बेदारी इमामबाड़ा जवाहर अली खां में हुई। शब्बेदारी में शहर व अन्य जिले से आई अंजुमनों ने अर्शी फैजाबादी के मिसरे तरह ’एक अनोखा काम असगर कमसिनी में कर गए“ पर अपने कलाम पढ़े।
पूर्व अध्यक्ष हामिद जाफर मीसम ने बताया कि शब्बेदारी में वसीका अरबी कालेज से इमामबाड़ा जवाहर अली खां पर अंजुमन सोगवाराने हुसैन अलम लेकर आई। शब्बेदारी की मजलिस मौलाना मो मोहसिन प्रिंसिपल वसीका अरबी कालेज ने पढ़ी। संचालन मौलाना हैदर अली ताबिश ने व पेशख्वानी सिब्तेन मेंहदी श्यावर व हाजी चन्दन फैजाबादी ने की। शहर की अंजुमनों में अंजुमन मासूमियां के साहेब बयाज विक्रम चंद शर्मा ने दानिश फैजाबादी का आंसुओं का लेके तोहफा जब सरे महशर गए, लेके हमको साकिए कौसर लबे कौसर गए पढ़ा।
इसके अलावा शहर की हुसैनिया वजीरगंज, हैदरिया खुर्दमहल, अंजुमने अब्बासिया ने अपने तरही कलाम पढ़े।दूसरे जिले की अंजुमनों में हुसैनिया उन्नाव ने “हम अलम अब्बास का लेके सरे महशर गए, मातमी दस्ते में मिलकर सारे पैगम्बर गए पढ़ा। इसके अलावा दस्ता ए मासूमिया घोसी मऊ, अंजुमन पंजतनी जलालपुर ने अपने तरही कलाम पढ़े। रातभर ये सिलसिला चलता रहा।
सुबह की नमाज के बाद जनाबे अली असगर का झूला जामा मस्जिद से निकाला गया। जिसमें अंजुमन पासदाराने करबला लखनऊ ने दुर्रो का जंजीरी मातम किया। शब्बेदारी का समापन पर मौलाना नदीम रजा जैदी ने तकरीर की। अंजुमन के अध्यक्ष कामिल हसनैन, कुमैल, फैजी फैजाबादी, इजहार हुसैन, सैफ, आसिफ रजा ने शब्बेदारी में बाहर से आए सभी श्रद्धालुओं, पुलिस प्रशासन, नगर निगम का शुक्रिया अदा किया।