मृतका ने कहा विरोधियों ने मिलकर उसे जलाया
एसएसपी ने देर रात किया प्रेस, आनन-फानन में अरोपी किये गये गिरफ्तार
फैजाबाद। धर्म नगरी अयोध्या के दरगाह बगिया रालोपाली में बीते दिनों विरोधियों ने 14 वर्षीय किशोरी पर मिट्टी का तेल ड़ालकर निर्ममता से जला डाला था, जिसपर पुलिस लीपापोती करने में जुटी थी। किशोरी के मृत्युपूर्व बयान का वीडियो इलेक्ट्रानिक मीडिया पर वायरल होते ही एसएसपी सहित पुलिस के हाथ-पांव फूल गये। आनन-फानन में पुलिस कप्तान सहित आलाधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और सम्बन्धित लोगों की धरपकड़ शुरू किया। दो लोग मौके पर फरार हो गये थे जिन्होंने मंगलवार को अदालत में आत्मसमपर्ण कर दिया।
बताते चलें कि 14 जुलाई को दरगाह बगिया रानोपाली के कुम्हार परिवार के लगभग एक दर्जन महिला पुरूषत मंजू यादव के घर पर लाठी डण्डा व ईंट गुम्मा से हमलावर हो गये। उस समय स्व. जगदेव यादव की पत्नी मंजू यादव बड़ी पुत्री श्रीमती सरिता यादव, मंझली पुत्री 17 वर्षीय कविता यादव और 14 वर्षीय पीड़िता सुनयना यादव के साथ घर में थीं जबकि मृतका का 11 वर्षीय भाई दीपक यादव चूंकि नवोदय विद्यालय मंें कक्षा 6 का छात्र है इसलिए वह विद्यालय में ही था। विपक्षियों के हमला करने पर घर के सदस्यों ने डायल 100 पुलिस को मामले की सूचना दिया। सूचना पाकर मौके पर जैसी ही पुलिस पहुुंची हमलावर भाग खड़े हुए।
पीड़िता सुनयना की बड़ी बहन श्रीमती सरिता यादव ने बताया कि डायल 100 पुलिस के साथ वह उसकी छोटी बहन कविता यादव और मां पुलिस के साथ कोतवाली अयोध्या रिर्पोट लिखवाने के लिए चल पड़े इसी बींच गांव के ही किसी व्यक्ति ने फोन पर सूचना दिया कि आपके घर में विरोधी तोड़फोड कर रहे हैं और घर में अकेली सुनयना के बदन पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दिया है। सूचना पाकर वह लोग कोतवाली जाने के बजाय डायल-100 पुलिस के साथ वापस जब घर लौटे तो देखा सुनयना गम्भीर रूप से जली हुई कराह रही थी। पुलिस की मदद से उसे तत्काल श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या ले जाया गया जहां से हालत गम्भीर होने के कारण उसे जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया, जिला चिकित्सालय से भी सुनयना को ट्रामा सेंटर लखनऊ रिफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।
घटना के पीछे के कारणों के सम्बंध में सरिता यादव का कहना है कि वह लोग परिवार सहित दुर्गापुर माझा जहां खेतीबाड़ी है रहते थे मूल घर उनका दरगाह बगिया रानोपाली में है सरयू का पानी बढ़ जाने के बाद वह परिवार सहित दरगाह बगिया स्थित घर चले आये थे। उसने यह भी बताया कि उसकी बहन सुनयना यादव के साथ गांव के करिया और अमरनाथ ने बीते 25 अप्रैल को छेड़छाड़ किया था जिसकी रिर्पोट कोतवाली अयोध्या में दर्ज करायी गयी थी। करिया और अमरनाथ प्रजापति ने उसकी बहन के कपड़े भी फाड़ डाले थे रिर्पोट दर्ज होने के बाद पुलिस ने करिया और अमरनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 11 जुलाई को जमानत पर दोनो छूटकर घर आये और परिवारीजनों के साथ मिलकर उन्हें बर्बाद करने की धमकियां देने लगे थे। 14 जुलाई को विपक्षियों ने लामबंद होकर घटना को अंजाम दिया।
मृतका सुनायना यादव ने मृत्युपूर्व जो बयान दिया है उसमें रीता, सीमा, शीला, करिया, हृदयराम, अमरनाथ, खुशीराम, अनिल, सुरेश का नाम लिया है। उक्त नामों की का जिक्र मृतका की मां द्वारा दी गयी तहरीर में भी किया गया है। वैसे मृतका की बहन सरिता यादव का कहना है कि हमलावर एक ही परिवार के सदस्य हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. मनोज कुमार ने बीती रात 9 बजे पत्रकारों से मुखातिब होकर कहा कि सुनयना हत्याकाण्ड के किसी भी दोषी को बख्सा नहीं जायेगा उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही होगी।
बताया जाता है कि पुलिस ने सुनयना का मृत्युपूर्व बयान नहीं लिया था यही नहीं सम्बन्धित मजिस्ट्रेट ने भी अभिलेखों में दर्ज किया है कि बेहोशी की हालत में होने के कारण सुनयना बयान नहीं दे पायी। जबकि मीडिया ने मृत्युपूर्व सुनयना का बयान रिकार्ड किया और उसे चलाया भी जिसके बाद पुलिस में चेतना जागृत हुई ।