फूड प्वाइजनिंग से बीमार हुए मरीजों से मिलने पहुंचे विधायक
अयोध्या। बासी मछली खाना एक परिवार के लिए घात साबित हो गया। मछली खाने वाले परिवार की 55 वर्षीया महिला साहिबा पत्नी श्रीराम की जहां मौत हो गयी वहीं एक युवक व एक महिला सहित 8 सदस्य बीमार हो गये। सभी बीमारों को जिला चिकित्सालय में भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय के सीएमएस डा. आर.के. राय का कहना है कि फूड प्वाइजनिंग के शिकार सभी भर्ती लोगों का जीवन सुरक्षित है।
मवई थाना क्षेत्र के मत्था नेवादा गांव के फूड प्वाजनिंग से बीमार हुए पूरे परिवार के सदस्यों से जिला चिकित्सालय में मिलने विधायक रामचंद्र यादव पहुंचे। उन्होंने सीएमएस की निगरानी में उनका जिला चिकित्सालय अयोध्या में इलाज जारी रखने की सिफारिश की। साथ ही अस्पताल पहुंचकर मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार की जानकारी स्वयं सीएमएस के साथ मरीजों से ली। विधायक बोले, कि इनके इलाज में किसी तरह की लापरवाही न होने पाए। बताया गया कि मंगलवार की शाम को पूरे परिवार ने मछली खाई थी। फिर अगले दिन सबसे पहले महिला मुखिया सहिबा (55) पत्नी श्रीराम की तबियत बिगड़ी। परिजन जब तक अस्पताल ले जाते तबतक इनकी मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों को भी पेट दर्द शुरू हुआ। पड़ोसी किसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुदौली ले गये। चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। फूड प्वाजनिंग से जिनकी तबियत बिगड़ी। उनमें राधा (35) पत्नी किशनलाल इनका बेटा करन 16 वर्ष, अर्जुन 12 वर्ष, बेटी किरन 5 वर्ष, अमिता 4 वर्ष और देवर रामतीरथ 25 वर्ष व भतीजा सुमित 5 वर्ष पुत्र रामतीरथ शामिल हैं। सीएमएस ने विधायक से बताया कि वेजटेरियन भोजन हो सकता है कि कम नुकसान पहुंचाए लेकिन रखा नानवेज सेहत के लिए ज्यादा घातक है। उन्होंने बताया कि शायद 24 घंटे से अधिक समय से रखी मछली खाने से तबियत बिगड़ी है। हालांकि अब सभी की हालत में सुधार है।
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