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जब सरकारी तंत्र फेल तो भ्रष्टाचारी कैसे जाएंगे जेल..?

– बिना तालाब खुदाई के निकले लाखों रुपये की नही शुरू हुई जांच, मवई ब्लॉक में भ्रष्टाचारियों पर मेहरबान जिले का प्रशासन

रुदौली। भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार में खूब लूट मची है।इसे रोकने के लिए सरकारी तंत्र भी फेल है।ताजा मामला मवई ब्लॉक के कुंडिरा गांव का है।जहां बिना तालाब खुदाई के लाखों रुपये निकाल लिए गए।लेकिन इस मामले की अफसरों ने अभी तक जांच भी नही शुरू की है।
बताते चले मवई ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में विकास के नाम पर ब्लॉक कर्मियों की मदद से प्रधानों ने जमकर लूट की।कभी गांव में लगाये गए कुर्सी के नाम पर घोटाला तो कभी पौधरोपण में घोटाला।कभी स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों में तो मनरेगा के तहत खुदवाए गए तालाबों में लूट किया गया।ऐसा भी नही कि ग्रामीणों ने इसकी शिकायत नही की।शिकायत भी हुई वो जिले से लेकर मुख्यमंत्री तक।ये सारे प्रकरण को अखबारों ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया।लेकिन कार्यवाही की बात तो दूर अफसरों ने इसकी जांच तक नही शुरू की।जनप्रतिनिधियों ने भी ऐसे मामलों में बिल्कुल दिलचस्पी नही दिखाई।ऐसे में भ्रष्टाचार पर लगाम लगना बिल्कुल असंभव ही दिख रहा है।कुंडिरा गांव निवासी गिरिराज किशोर व प्रदीप कुमार ने खण्ड विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर ग्राम प्रधान कुंडिरा में बगैर तालाब खुदाई के 5 लाख 85 हजार 3 सौ 12 रुपये निकाल लेने का आरोप लगाया शिकायत कर्त्ताओं ने बताया कि पैसा निकल गया लेकिन तालाब में एक भी दिन खुदाई नही हुई।इसी प्रकार मोहिनी कुण्ड तालाब चासू तारा तालाब की बगैर खुदाई के भुगतान हो गया।ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि शारदा सिंह के घर से गया देई की बाग तक नाले की खुदाई दिखाकर भुगतान करा लिया गया।ग्रामीणों ने खण्ड विकास अधिकारी व जिले के अफसरों सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी।लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।और अफसरों ने इसकी जांच करना उचित नही समझा।इससे पहले मनरेगा के तहत गांवों में कराए गए पौधरोपण में खूब लूट की गई।बिना पौधरोपण कराए लाखों रुपये निकाल लिए गए।इस मामले में भी अफसरों ने कोई जांच नही की।यही नही गांवों में जगह जगह लगाए गए कुर्सी में खूब लूट की गई।तीन हजार में मिलने वाली कुर्सी पर नौ हजार रुपये तक निकाले गए।और ये घोटाला पूरे जिले में हुआ।इस खबर को अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।इस प्रकरण में पीड़ी कार्यालय से 13 ग्राम पंचायतों को नोटिस भी भेजी गई थी।लेकिन बाद में अफसरों ने अपना हिस्सा लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में बने शौचालय में भी खूब लूट हुई।मृतकों के नाम शौचालय एलाट कर सरकारी धन की लूट हुई।रानीमऊ कसारी गांव के लोगों ने खूब शिकायत भी किया।लेकिन कोई जांच नही हुई।ग्रामीणों का सवाल है कि जब भ्रष्टाचार की शिकायत पर कोई जांच पड़ताल होनी ही नही तो लोग क्यों शिकायत करें।सरकार लाख प्रयास कर ले लेकिन जब तक ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर कार्यवाही नही होगी तब तक भ्रष्टाचार नही रुकेगा।इस मामले में जानकारी हेतु बीडीओ पीड़ी व सीडीओ के मोबाइल पर कई बार संपर्क किया गया।लेकिन फोन नही उठा।दूसरी ओर अफसरों के संरक्षण में बस्ता जमा होने के बाद तालाब की खुदाई इस समय शुरू करा दी गई।मतलब भ्रष्टाचार के खेल में लीपापोती का काम शुरू हो चुका है।

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“आज बी0डी0ओ के निर्देश पर हम व एडीओ कोऑपरेटिव जांच के लिए गए थे।बिना काम धनराशि निकालने की शिकायत सही पाई गई है।हम अपनी रिपोर्ट बीड़ीओ मवई को सौंप देंगे।इसमें कार्यवाही हर हाल में होगी।“

-राकेश कुमार
अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा मवई

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