-अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस का हुआ आयोजन
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में दीपोत्सव के मद्देनजर राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप में मंडलायुक्त एम पी अग्रवाल रहे। विशिष्ट अतिथि बिग्रेडियर एनवी नाथ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारम्भ सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा परिसर स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ0 राममनोहर लोहिया और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। इसके उपरांत सभागार में सरदार पटेल के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, कुलपति प्रो0 सिंह एवं बिग्रेडियर एनवी नाथ द्वारा पूर्व में आयोजित निबंध व पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर मंडलायुक्त ने कहा कि राष्ट्र की एकता को अक्षुण्ण बनाने में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का अद्वितीय योगदान रहा है जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से आज के युवाओं को राष्ट्रभक्ति एवम राष्ट्र के चतुर्दिक विकास का मूल मंत्र अपनाना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर एवी नाथ ने कहा कि युवाओं को अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखते हुए राष्ट्र के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की भावना से जीवन मे आगे बढ़ते रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो को राष्ट्र के प्रति निष्ठा एवम देशभक्ति की शपथ दिलाते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल के वैचारिक पक्ष पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एसडीएम रुदौली ने विश्वप्रसिद्ध पार्श्व किशोर कुमार के नगमों से समा बाँधा। जिसके बाद विश्वविद्यालय के छात्र कार्तिकेय, गौरव, चित्रेश, अजीत शुक्ल, जान्हवी कीर्ति एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम का विषय परिवर्तन प्रो0 शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अंकित मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन छात्र अधिष्ठाता प्रो0 नीलम पाठक द्वारा किया गया। इस अवसर कुलसचिव उमानाथ, प्रो० सी० के0 मिश्र, प्रो० अशोक शुक्ला, प्रो० हिमांशु शेखर सिंह, प्रो० आर0के0 तिवारी, प्रो० फारुख जमाल, प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 एस0 एस0 मिश्र, मोहम्मद साहिल सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के क्रियान्वयन में मुख्य रूप से डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 शिवांश कुमार, डॉ0 मनीष सिंह, डॉ0 अरुण कुमार चौबे, डॉ0 महेंद्र पाल सिंह, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 राकेश कुमार, डॉ0 कविता भारद्वाज, इंण् राजीव यादव, इंण् परितोष त्रिपाठी सहित अन्य का विशेष योगदान रहा।