गुरु और शिष्य की परंपरा भारत में सदियों से जीवंत रही : आनंदीबेन पटेल

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

-डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह भव्यता के साथ सम्पन्न

अयोध्या। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या का 30 वां दीक्षांत समारोह भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। इस दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा 125 मेधावी छात्र-छात्राओं को 140 स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसके साथ ही उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक 189119 उपाधि एवं अंक पत्र को डिजिलॉकर में समावेशित किया।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि 25 नवंबर को श्री राम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इसे पाने के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। हम सभी भारतवासी अब पूर्ण रूप से राम मंदिर के दर्शन पूजन अर्चन कर पाएंगे। कुलाधिपति ने सभी विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन में अपनाए।

ज्यादातर लोग जीवन में कर्म करने की तो बात करते हैं परंतु उसे पूरे मनोयोग से पूर्ण करने में पीछे रह जाते हैं, जो हमारा दायित्व है उसे हम अवश्य पूरा करें। यही भगवान राम का संदेश है। आज विश्वविद्यालय में 189119 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। इसमें छात्राओं का अनुपात काफी अधिक है। समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति वाला देश है यहां गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से जीवंत रही है। ज्ञान के लिए गुरु आवश्यक है परंतु यह परंपरा लुप्त हो रही है। दीक्षांत समारोह में संतों की उपस्थिति हर्ष का विषय है।

समारोह में राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को सजग करते हुए कहा कि बहुत कठिन हृदय से एक निर्णय लिया है कि कक्षाओं में 75 प्रतिशत से कम की उपस्थिति पर छात्रों को परीक्षा बैठने से वंचित कर दिया जाएगा। इसका बहुत कड़ाई से पालन विश्वविद्यालयों को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी छात्र अपने कर्तव्य पालन में जुट जाएं छात्र का कार्य पढ़ना, शोध करना, पुस्तकालय में जाना, अभ्यास करना और जीवन में साफ सफाई के तौर तरीकों को अपनाना हैं।

समारोह में युवाओं को सचेत करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि वर्तमान का युवा ड्रग्स की दुनिया में उतर रहा है शिक्षण संस्थानों में यह परंपरा पनप रही है जो कि बहुत घातक है। विद्यार्थियों को जो नहीं करना चाहिए वह हो रहा है इसे रोकना होगा क्योंकि पंजाब इसका जीता जागता उदाहरण है। अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है आप सभी प्रदेश के युवा इस तरह के अंधकार से स्वयं को दूर रखें। पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो। खराब आदतें छोड़ दो माता-पिता एवं समाज के लिए एक आदर्श संतान के रूप में स्वयं को स्थापित करो।

समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को बनाने में किसानों ने अपनी जमीन दी है ताकि उनकी पीढ़ी शिक्षित होकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़े और राष्ट्र का उत्थान हो सके। शिक्षा की प्रगति में उत्तर प्रदेश के दो विश्वविद्यालय विश्व रैंकिंग में आ चुके हैं। अभी इस लक्ष्य को और बढ़ाना है। आज ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षण संस्थान आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में स्कूली बच्चों को पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया गया है। पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि सभी शहरों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।

इस पर शोध करने की आवश्यकता है। मैंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह इसकी तह तक जाकर रोकथाम करें। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आकाशीय बिजली और भूकंप से बड़े पैमाने पर जन हानि हो रही है। इस पर भी शोध किया जा रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए निसार उपग्रह को लांच किया है जिससे इस तरह की आपदाओं का अध्ययन किया जा सके और जीवन बचाया जा सके।

राज्यपाल ने कहा कि बेटियों के स्वास्थ्य संरक्षण पर एचपीवी वैक्सीन कस्तूरबा गांधी विद्यालय, मया और पूरा बाजार की छात्राओं को लगाया गया। कुलाधिपति ने कहा कि वैक्सीन महंगी है लेकिन बेटियों से ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि विवाह में पिता कम पैसे खर्च करें लेकिन बटियों को वैक्सीन जरूर लगाए। इससे बेटियों को कैंसर से बचाया जा सकता है।

इसके लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश एक संकल्प है जिसके तहत इसे पूर्ण किया जाना है। युवाओं को आगाह करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि लिविंग रिलेशन भारत जैसे प्राचीन देश की संस्कृति पर कुठाराघात है। इससे बचना होगा इससे माता-पिता समाज परिवार के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है और बेटियों का जीवन अंधकारमय हो जाता है।

इसे भी पढ़े  बिस्फोट के बाद अवैध पटाखा भंडारों के खिलाफ अभियान

भावुक अपील करते हुए कुलाधिपति ने कहा एक राज्यपाल होने के नाते न सही एक महिला या दादी होने के वास्ते आप सभी इस अपसंस्कृति से बचे। जीवन में अपने माता-पिता दादा दादी के अनुभव से सीखे। तभी आपका मार्ग प्रशस्त होगा। जीवन में अपने प्रभु श्री राम के गुणों को आत्मसात करें।

अयोध्या भारत की चेतना और संस्कृति को ऊर्जा प्रदान करने वाली भूमिः  योगेन्द्र उपाध्याय

30वें दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते कहा कि “अर्पण किसी भी व्यक्ति के लिए गौरव की बात होती है। यह भूमि केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि भारत की चेतना और संस्कृति को ऊर्जा प्रदान करने वाली भूमि है।” उन्होंने रामनगरी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अयोध्या सदियों से देश की आत्मा को जीवंत रखने वाली भूमि रही है। इस पवित्र भूमि से हमें मर्यादा, त्याग और समर्पण की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि “रामनगरी वह भूमि है जिसने भारत को असीमित ऊर्जा और आस्था दी है।” उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर केवल सम्मान का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा, “दीक्षांत, शिक्षांत नहीं होता। यह शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नई जिम्मेदारियों का प्रारंभ है। अब विद्यार्थियों के सामने एक नया जीवन, नई राह और नए संकल्पों का द्वार खुल रहा है।”

समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री उपाध्याय ने छात्रों से कहा कि वे शिक्षा को केवल परीक्षा या नौकरी तक सीमित न रखें। सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति में शोध का बोध कराए, भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य के प्रति समर्पण की भावना उत्पन्न करे और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध सिखाए। उन्होंने कहा कि “देश हमें सब कुछ देता है, हमें भी कुछ लौटाना चाहिए। शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।” उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमें राम, कृष्ण और शिव के जीवन से राष्ट्रवाद, समरसता और एकता की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से जातिवाद और भेदभाव की संकीर्ण मानसिकता को त्यागकर राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोपरि मानने का आह्वान किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि आज उत्तर प्रदेश के दो सरकारी विश्वविद्यालयों को ‘ए-प्लस ग्रेड’ प्राप्त हुआ है, जबकि वल्र्ड और एशिया रैंकिंग में प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों ने अपना स्थान बनाया है। शोध के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है शोधगंगा पोर्टल पर भारत के प्रथम 40 विश्वविद्यालयों में प्रदेश के आठ विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। योगेन्द्र उपाध्याय ने गर्वपूर्वक कहा कि “कुछ वर्ष पूर्व देश के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में प्रदेश का नाम नहीं था, आज हमारे विश्वविद्यालय देश के प्रथम 100 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त कर चुके हैं।”राज्यपाल द्वारा शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के निखार के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता आई है।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षा के विकास और विस्तार के लिए किए गए कार्यों की भी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी ने “समुद्र की गहराइयों से लेकर आसमान की ऊँचाइयों तक भारत का परचम फहराया है।” उन्होंने स्वदेशी भावना को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि “स्वदेशी बनाओ, स्वदेशी अपनाओ जब बनाएंगे, तभी अपनाएंगे, और तभी आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।” अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने कहा कि “संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। हमें दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना चाहिए। यही सच्ची शिक्षा और राष्ट्र सेवा है।”

उत्तर प्रदेश बन रहा शिक्षा का हबः  रजनी तिवारी

दीक्षांत समारोह की विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि उपाधि एवं पदक प्राप्त कर्ताओं को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस भूमि का भगवान राम के कमल चरण पड़े। यह वही अयोध्या है जो युगों युगों से विश्व को धर्म, न्याय और आदर्श का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज भव्य राम मन्दिर के आलोक में यह नगरी अपने पूर्ण वैभव के साथ वैश्विक पटल पर पुनः प्रतिष्ठित हो रही है। इस भूमि पर विश्वविद्यालय के समारोह में सम्मिलित होना सौभाग्य की बात है। समारोह में राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त कर्ताओं से कहा कि आप विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ही नही बल्कि उन विरासत के उत्तराधिकारी है जो ज्ञान और आध्यात्मिकता से अभिसिंचित है। इस समारोह में शामिल होकर भारत के भविष्य की ऊर्जा को एक नई दिशा में प्रवाहित होते हुए देख रहे है। कार्यक्रम में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपके चेहरे पर जो तेज है। वह आत्मविश्वास के साथ एक नये पथ पर चलने का संकल्प है। राज्यमंत्री ने कहा कि हमे यह ध्यान रखना है कि भगवान राम हमारे आदर्श है।

इसे भी पढ़े  डायरेक्टर नेशनल प्रोग्राम ने जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण

विद्यार्थी जब यहां से निकलेंगे तब आपके सामने चुनौतियां एवं अवसर भी होंगे। यहीं चुनौतियां और अवसर आपको लक्ष्य तक ले जायेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को उत्तरदायित्वों से परिचित कराते हुए राष्ट्र के प्रति नैतिक जिम्मेदारियों का कर्तव्यबोध कराया। कहा कि यही आपकों महान बनायेगा। यहीं संकल्प लेकर विद्यार्थियों को जाना होगा। राज्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व में भारत की अलग पहचान है और सामने बहुत सारे अवसर है। हमारें प्रधानंमत्री जी कहते है हमारा देश विकसित देश बनेगा। उसमें सबसे ज्यादा योगदान युवाओं और बेटियों का होगा। आज खुशी की बात है कि इन पदक में सबसे ज्यादा हमारी बटियों ने पदक हासिल किए है। प्रधानंमंत्री जी ने बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओं अभियान शुरू किया है। वह पुष्पित और पल्लवित होता दिखाई दे रहा है। आज हर्ष की बात है कि हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। राज्यमंत्री उच्च शिक्षा ने कहा कि आज हर मंडल में विश्वविद्यालय हो चुके है। हमने सिर्फ विश्वविद्यालय व महाविद्यालय खोलने का कार्य नही किया है बल्कि गुणवत्तापरक शिक्षा देने का कार्य किया है। हमारे प्रदेश के कई ऐसे विश्वविद्यालय है जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना चुके है। आज उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन रहा है। हम एक तरफ विकास एवं शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ रहे है। वहीं देश की सेना ने विश्व में परचम लहराने का कार्य किया है। हमारा देश आगे ब़ रहा है। उसमें हम सभी को योगदान देना है।

विश्वविद्यालय आने वाले समय में शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र बनेगाः कुुलपति कर्नल डाॅ. बिजेन्द्र सिंह

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डाॅ. बिजेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक की विकास यात्रा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 4 अप्रैल 1975 को हुई थी और वर्तमान में यह प्रदेश के सात जनपदों अयोध्या, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीरनगर और अंबेडकरनगर के 653 महाविद्यालयों से संबद्ध है। लगभग 6 लाख छात्र-छात्राएँ यहाँ अध्ययनरत हैं। इनमें 2 संघटक, 6 राजकीय, 15 अनुदानित और 83 विधि महाविद्यालय शामिल हैं। परिसर के 11 संकायों में 94 पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर की पढ़ाई सुचारू रूप से हो रही है। कुलपति ने बताया कि वर्ष 2024-25 की परीक्षाओं में कुल 208966 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें से 189119 सफल हुए। छात्राओं की सफलता दर 58 प्रतिशत और छात्रों की 42 प्रतिशत रही। इस वर्ष कुल 140 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें से 84 छात्राओं ने अर्जित किए। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि शिक्षा के हर स्तर पर महिलाएँ अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

समारोह में कुलपति डाॅ. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई पहल की हैं। परिसर में सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित कर 24 घंटे बिजली आपूर्ति की योजना फरवरी 2026 तक पूरी कर ली जाएगी। जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन की व्यवस्था भी की जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रयोगशालाओं और विभागों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि अयोध्या क्षेत्र में पीएम-10 का स्तर राज्य मानकों से अधिक है, जबकि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड सामान्य सीमा में हैं। इस आधार पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2025-26 में अंबेडकरनगर, गोंडा, बहराइच और जौनपुर में चार नए मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए है।

समारोह में कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह के साथ ही मिशन शक्ति फेस-5 के तहत मिशन शक्ति फेस्ट का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्राओं को आत्मरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता पर प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों और खेल विशेषज्ञों ने छात्राओं को कानूनी अधिकारों और आत्मरक्षा तकनीकों की जानकारी दी। कुलपति ने बताया कि अगस्त 2025 में विश्वविद्यालय परिसर में तुलसी भवन एवं धन्वन्तरि भवन का लोकार्पण किया गया, जिसमें कला एवं मानविकी के स्नातक, परास्नातक, कॉमर्स, फिजिकल एजुकेशन और मल्टी हाॅल विभागों की नई प्रयोगशालाएँ स्थापित की गईं। 2026 तक विश्वविद्यालय परिसर में आईटी सेंटर, सिविल इंजीनियरिंग लैब, फिटनेस सेंटर और छात्रावासों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विश्वविद्यालय अब अपने स्वयं के पावर स्टेशन और जल प्रबंधन प्रणाली के साथ आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है।

इसे भी पढ़े  राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा बनी आकर्षण, एक साथ बैठ सकेंगे 20 हजार श्रद्धालु

कुलपति कर्नल डाॅ. सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 32 शोध परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। 7 राष्ट्रीय और 4 अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियाँ आयोजित की गईं, जबकि 8 कार्यशालाओं और 107 अकादमिक गतिविधियों का संचालन हुआ। 62 शोध-पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने का मार्ग है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे ‘चलिए गाँव की ओर’ कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों ने आसपास के गाँवों में स्वच्छता अभियान, पौधारोपण, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर, खेल प्रतियोगिताएँ और शिक्षण सहयोग गतिविधियाँ आयोजित कीं। इन अभियानों के माध्यम से विद्यार्थियों में समाज के प्रति जिम्मेदारी और नेतृत्व की भावना का विकास हुआ।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के शैक्षिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने और समाज सेवा की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। अंत में कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों, अतिथियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित होगा। समारोह का संचालन प्रो0 नीलम पाठक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव विनय कुमार सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर मंहत हनुुमानगढ़ी अयोध्या राजूदास, महंत नाका हनुमानगढ़ी रामदास एवं अन्य संत के साथ जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीडीओ अमेठी, अन्य प्रशासनिक अधिकारी, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद, विद्यापरिषद के सदस्य व शिक्षक, आंगन बाड़ी कार्यकत्री, प्राथमिक विद्यालय के पुरस्कृत छात्र-छात्राएं व अन्य उपस्थित रहे।

विवि में कुलाधिपति द्वारा एचपीवी टीकाकरण की शुरूआत की गई

समारोह से पहले कुलाधिपति द्वारा एचपीवी टीकाकरण की शुरूआत की गई। इससे बालिकाओं में बढ रहे कैंसर की रोक थाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाया रहा है। टीकाकरण में विश्वविद्यालय केन्द्र की चिकित्सा प्रभारी डाॅ. दीप शिखा चैधरी के साथ टीकाकरण सीएमओ कार्यालय द्वारा कराया गया। इसमें प्रबंधन के लिए सीडीओं और जिलाधिकारी कार्यालय सक्रिय रहा।

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति ने स्मारिका एवं शिक्षकों की पुस्तकों का किया विमोचन

कुलाधिपति के हाथों विश्वविद्यालय की स्मारिका के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा श्री राठौर बाबूभाई मुझीभाई को डीलिट् की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कुलाधिपति द्वारा किट प्रदान किया गया। इस समारोह में राज्यपाल द्वारा प्राथमिक विद्यालय के छात्रा को पर्यावरण पर उत्कृष्ट भाषण पर पुरस्कृत किया गया। समारोह में 10 स्कूली बच्चों द्वारा पर्यावरण विषय पर गीत एवं अभिनय की मनोहारी प्रस्तुति की गई। राज्यपाल द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम में दीक्षांत समारोह का प्रारम्भ गुरूकुल से आए बटुकों ने स्वास्तिवाचन के साथ किया गया।

कुलाधिपति, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का किया अवलोकन

इस समारोह में मुख्य परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई जिसे कुलाधिपति, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्यमंत्री व कुलपति द्वारा अवलोकन किया गया। इसमें प्रमुुख आकर्षण के केन्द्र में फैशन डिजाइनिंग की छात्रों द्वारा तैयार की गई पोशाके, कढ़ाई का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। इसी क्रम में प्रौढ एवं सतत प्रसार शिक्षा की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं द्वारा मिलेट्स के स्टाॅल पर बनने वाले विभिन्न व्यंजनों की प्रस्तुति की गई। कुुलाधिपति व अन्य द्वारा चखा गया एवं सराहना करते हुए कुलाधिपति ने इसे प्रमुख रूप से भोजन में शामिल करने की सलाह दी। वहीं पर्यावरा विज्ञान विभाग द्वारा जनपद के आस-पास पाए जाने वाले पक्षियों एवं वन्य जीवों की फोटो प्रदर्शन के साथ अयोध्या जनपद में मौजूद पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति का लाइव प्रसारण किया गया।

You may also like

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya