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सरयू में बैराज निर्माण को लेकर अयोध्या पहुंची जल संसाधन मंत्रालय की टीम

  • टीम ने सांसद लल्लू सिंह के साथ किया स्थलीय निरीक्षण

  • फोरलेन पुल व रेलवे बिज के मध्य करीब सवा किलोमीटर लम्बे वैराज का होगा निर्माण

  • अब सरयू नदी में होगा अविरल जलधारा का प्रवाह, देश विदेश के आकर्षण का केन्द्र बनेगी राम की पैड़ी

  • वैराज के निर्माण में जलयान के आवागमन हेतु दिया जायेगा अपेक्षित मार्ग

फैजाबाद। देश के हर कोने से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के मन की मुराद शीघ्र पूरी होने जा रही है। सरयू के घाटो पर जल की अविरलता के साथ राम की पैड़ी सदा के लिए स्वच्छ सुन्दर और साफ होने जा रही है। सरयू नदी में अब शीघ्र वैराज का निर्माण होगा। जलसंसाधन मंत्रालय की वाककोष संस्था की टीम ने मंगलवार को सांसद लल्लू सिंह के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। संस्था के चीफ इंजीनियर अमित व मौजूद आधा दर्जन अधिकारियों के साथ सांसद ने गहन वार्ता की।
सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि सवा किलोमीटर लम्बे वैराज का निर्माण फोरलेन पुल व रेलवे ब्रिज के मध्य होगा। जिससे अयोध्या से लेकर गुप्तारघाट तक पवित्र सरयू जल का घाटो पर 365 दिन एक समान गति से अविरल प्रवाह रहेगा। वैराज का निर्माण इस तरह से होगा कि भविष्य में जलयान को गुजरने के लिए अपेक्षित मार्ग मिल सके। उन्होनें बताया कि विभिन्न अवसरों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ सरयू स्नान के लिए उमड़ती है। रोजाना हजारों की संख्या में भक्त सरयू की धारा में स्नान करते है। वैराज का निर्माण होने के बाद राम की पैड़ी में सरयू जल का अविरल प्रवाह हो जायेगा। जिससे राम की पैड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन जायेगी। अयोध्या में पयर्टन की सम्भावनाओं को इससे बल मिलेगा। वैराज के निर्माण व राम की पैड़ी को साफ सुन्दर व स्वच्छ बनाने की मांग अयोध्या के संतो से लेकर श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही थी। वैराज के निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल ने बताया कि 21 दिसम्बर 2016 को जीआईसी के मैदान में आयोजित केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी की जनसभा के दौरान सरयू नदी पर वैराज निर्माण तथा अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा चैरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग मंच से सांसद लल्लू सिंह के द्वारा की गयी थी। जिसके बाद सहमति जताते हुए केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने इसके निर्माण की घोषणा की थी। यह घोषणा अब अस्तित्व में आने जा रही है। सासंद के साथ गोरखपुर एनएचआई के पीडी प्रदीप श्रीवास्तव, सिचाई विभाग के चीफ इंजीनियर जेके निरंजन, पीडब्लूडी के अधीक्षण अभियन्ता मौजूद रहे।

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