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Tag Archives: डा. आलोक मनदर्शन

व्यक्त्तिव विकार बढ़ाता है तनाव का आकार : डा. आलोक मनदर्शन

-भूमिका द्वंद है कार्य स्थल तनाव का अंग अयोध्या। रोल कांफ्लिक्ट या भूमिका द्वंद कार्यस्थल तनाव में अहम स्थान रखता है। इनमे प्रमुख है रोल ओवरलोड या भूमिका की अधिकता, रोल रस्टिंग या क्षमता से नीचे की भूमिका, रोल इनकम्पीटेंसी यानि क्षमता से बड़ी भूमिका, रोल स्टैगनेन्सी यानी लम्बे समय …

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अप्रबंधित कार्य स्थल तनाव का होता है मनोशारीरिक दुष्प्रभाव : डा. आलोक मनदर्शन

-परिपक्व मनोयुक्ति देती है कार्यस्थल तनाव से मुक्ति, अस्वस्थ मनोयुक्ति करती है तनाव मे वृद्धि अयोध्या। स्ट्रेस या तनाव जीवन का अभिन्न अंग है परन्तु मनो-स्वस्थ व्यक्ति रोजमर्रा के तनावों को सकारात्मक मनोप्रबंधन करते हुए कार्य क्षमता का सम्यक उपयोग करता है । इन रोजमर्रा के तनावों में अहम हिस्सेदारी …

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टेली मानस पर मिलेगा फोन मनोपरामर्श

-टेली काउंसलिंग है त्वरित व सुगम : डा. आलोक मनदर्शन अयोध्या। भारत सरकार व नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरोसाइंसेस बंगलुरु के सहयोग से टेली मानस नामक टेलीफ़ोनिक फ्री मनोपरामर्श सेवा 14416 से किशोर, युवा व आम जनमानस में मनो जागरूकता व आज के समाज मे तेज़ी से बढ़ …

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एंग्जायटी व स्ट्रेस का दिल व पेट पर होता इफेक्ट : डा. आलोक मनदर्शन

-लोक लज़्ज़ा व संकोच, मनोसलाह के अवरोध, चिंता घबराहट है मेन्टल स्ट्रेस की आहट अयोध्या। मनोतनाव जनित अधिकांश समस्याओ का अज्ञानता व संकोच के कारण मनोविशेषज्ञ से सलाह न ले पाने की वजह से सटीक इलाज़ नही हो पाता है। बढ़ता मनोसन्ताप युवाओं में तेजी से बढ़ रहे मनोशारीरिक बीमारियों …

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रावण के दशोमुख हैं व्यक्तित्व विकार के प्रतीक : डा. आलोक मनदर्शन

-व्यक्तित्व विकार के दहन का पर्व है दशहरा, व्यक्तिव विकार बनतें हैं मनोरोग का आधार अयोध्या। दशानन रावण के दहन से बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में दशहरा पर्व मनाया जाता है । रावण के दशोंमुख मन के व्यक्तित्व विकार या पर्सनालिटी डिसऑर्डर ही हैं । मॉडर्न …

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मनोसशक्तिकरण से होगा अपराध नियंत्रण : डा. आलोक मनदर्शन

-लोक लज़्ज़ा व संकोच, मनोसलाह के अवरोध, चिंता घबराहट है मेन्टल स्ट्रेस की आहट अयोध्या। विश्व मनोजागरूकता सप्ताह कार्यक्रम के तहत चिरंजीव हॉस्पिटल एवं नर्सिंग इंस्टीट्यूट में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ आलोक मनदर्शन व मिशन शक्ति फेज 5 प्रमुख नगर कोतवाल अश्वनी पांडेय ने छात्राओं को अपराध सतर्कता …

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क्रॉनिक डिस्ट्रेस बनता है डिप्रेशन : डॉ. आलोक मनदर्शन

-सेल्फ टाइम देता है मन को शुकुन अयोध्या। किसी घटना विशेष या लाइफ इवेंट्स जैसे परिजन की मौत या अलगाव,बिजनेस या जॉब की क्षति, लव लाइफ ब्रेक अप जैसे मनोआघात से उपजे स्ट्रेस का प्रबन्धन न कर पाने पर स्ट्रेस नकारात्मक रूप ले कर डिस्ट्रेस या अवसाद बन सकता है, …

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डॉ. आलोक मनदर्शन का हुआ अभिनन्दन

-ए टाइप पर्सनालिटी बढ़ाती है एंग्जायटी, नाटकीय व्यक्तित्व करते है कार्यस्थल तनाव में वृद्धि अयोध्या। चिंता या तनाव का होना तो एक हद तक समान्य होता है पर चिंता या तनाव ज्यादा हावी होने पर आत्मविश्वास व कार्य क्षमता में भी गिरावट होती रहती है इसके हाई रिस्क में एंसियस …

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दीर्घ मनोतनाव से होता है डाइबिटीज व उच्च रक्त चाप : डा. आलोक मनदर्शन

-वर्क प्लेस स्ट्रेस को डिस्ट्रेस न बनने दें, मनोप्रबंधन बनाता है वर्क प्लेस फ्रेंडली अयोध्या। वर्क प्लेस स्ट्रेस का प्रबन्धन न कर पाने पर स्ट्रेस नकारात्मक रूप ले कर डिस्ट्रेस या अवसाद बन सकता है जिसमे उलझन, बेचैनी, घबराहट, अनिद्रा आदि के साथ शारीरिक दुष्प्रभाव भी दिखाई पड़ते हैं। तीव्र …

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कार्य स्थल तनाव का होता है मनोशारीरिक दुष्प्रभाव : डा. आलोक मनदर्शन

-इमोशनल इंटेलिजेंस है तनाव प्रबन्धन में कारगर अयोध्या। स्ट्रेस या तनाव जीवन का अभिन्न अंग है परन्तु मनो-स्वस्थ व्यक्ति रोजमर्रा के तनावों को सकारात्मक मनोप्रबंधन करते हुए अपनी कार्य ,कार्य क्षमता का सम्यक उपयोग करता है । इन रोजमर्रा के तनावों में अहम हिस्सेदारी कार्य स्थल तनाव की होती है। …

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ग्लानि व हताशा है, आत्मघाती मनोदशा : डॉ. आलोक मनदर्शन

-आत्महत्या के विचार का करें ससमय उपचार, छात्र आत्महत्या बन गयी है महामारी अयोध्या। मनोस्वास्थ्य जागरूकता का अभाव,परिस्थितियों से अनुकूलन की क्षमता में कमी तथा दुनिया को केवल काले और सफेद में देखने की मनोवृत्ति तथा अवसाद व अन्य मनोरोग, अति अपेक्षावादी माहौल,अकादमिक व कैरियर प्रेशर,लव लाइफ इवेंट,नशा व जुआ …

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अल्पपोषण ही नही ,अतिपोषण भी है कुपोषण : डा. आलोक मनदर्शन

-एडिक्टिव ईटिंग बढ़ा रही अतिपोषित कुपोषण, मॉडर्न फ़ूड की लत बन रही घातक अयोध्या। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 1से 7 सितंबर तक मनाये जाने वाले राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुवात सन 1982 में हुई क्योंकि उस समय देश की बहुत बड़ी आबादी अल्पपोषित कुपोषण से ग्रसित थी । आधुनिक युग …

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श्रीकृष्ण हैं मनोपरामर्श के इष्ट, गीता सूक्ति है मनोउपचार युक्ति : डा. आलोक मनदर्शन

अयोध्या। मन की आसक्तियों व विकृतियों का निदानात्मक विश्लेषण व मनोउपचार की सबसे प्रभावी आधुनिक विधा संज्ञान व्यवहार उपचार या कॉग्निटिव बिहैवियर थिरैपी – सी बी टी का आदि संदर्भ महाग्रंथ गीता मे उद्धरित है। व्यवहारिक जीवन के संघर्षो व परिस्थियों से उत्पन्न होने वाली मनोदशाओ का वर्णन व समाधान …

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मासूम यौनशोषित हो सकता मनोआघात ग्रसित : डा. आलोक मनदर्शन

-मासूम यौन शोषण कृत्य में परिचितों की अधिकता, मासूम मनोआघात में साइकोथिरैपी है मददगार अयोध्या। बच्चो से लाड-प्यार स्वस्थ मानसिक भोजन होता है । पर कुछ लोग प्यार दुलार के बहाने उनके यौन शोषण से आनंदित होते हैं । मनोविश्लेषण की भाषा में यह रुग्ण मनोवृत्ति पीडोफिलिया तथा ऐसे लोग …

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प्रोटेस्ट की युक्ति है दमित भाव की अभिव्यक्ति : डा. आलोक मनदर्शन

-हड़ताल व प्रदर्शन का है मनोसंतुष्टि कनेक्शन अयोध्या। धरना, प्रदर्शन, हड़ताल या पैदल मार्च जैसी सामाजिक युक्तियां तब प्रकाश मे आती है जब समाज के किसी वर्ग विशेष या आम जन के साथ कोई जघन्य जुर्म, अमानवीय घटना या अन्य प्रकार के अन्याय व शोषण आदि की घटना होती है। …

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राखी की डोर बढ़ाती है हैप्पी हार्मोन : डा. आलोक मनदर्शन

-पर्व व त्योहार का है मनो रसायनिक आधार, मूड स्टेब्लाइज़र है भाई बहन का सपोर्ट अयोध्या। राखी पर्व में भाई बहन के मन मस्तिष्क में मनोरसायनिक बदलाव होने शुरु हो जाते है जिसके सकारात्मक मनोप्रभाव होते हैं। इस पर्व मे अपनों संग बातचीत व हंसी ठिठोलीं न केवल मनोतनाव पैदा …

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