समाजवादी अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ ने की मांग, सौंपा ज्ञापन
फैजाबाद। संविधान जलाने वालों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाय। संविधान जलाने की घटना से देश की करोड़ों जनता की भावनायें आहत हुईं। यह बातें समाजवादी अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ओरौनी प्रसाद पासवान ने कहीं। दिल्ली के जंतर-मंतर पर बीते नौ अगस्त को भारतीय संविधान की कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रतियाॅं जलायी थीं। उसी को लेकर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष श्री पासवान की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाधिकारी कार्यालय जाकर मुख्य राजस्व अधिकारी/उप जिलाधिकारी कानून व्यवस्था पुरूषोत्तम दास गुप्ता व नगर मजिस्टेªट कार्यालय में डाॅ0 वैभव शर्मा नगर मजिस्टेªट को अलग-अलग महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान जलाने वालों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कायम कराकर वर्णित धाराओं के अनुसार नागरिकता समाप्त की जाय। उन्होंने कहा कि दलित समाज सुरक्षित नहीं हैं। दलित समाज का उत्पीड़न चरम पर है। भाजपा सरकार में प्रतिदिन दलित समाज को अपमानित होना पड़ रहा है। प्रकोष्ठ के प्रभारी छोटेलाल यादव ने कहा कि संविधान की प्रतियाँ जलाने पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आम-जनमानस में भारी आक्रोश है। प्रकोष्ठ के जिला महासचिव विद्याभूषण पासी व अयोध्या विधान सभा के अध्यक्ष सुनील रावत ने कहा कि भारत का संविधान जलाया जा रहा है, जगह-जगह संविधान निर्माता डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमायें तोड़ी जा रही हैं और डाॅ0 अम्बेडकर के अनुयायियों को निशाना बनाकर उनका उत्पीड़न कर हत्यायें की जा रही हैं। दोनों ने कहा कि दलित समाज की बच्चियों से बलात्कार और हत्यायें हो रही हैं। सपा प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वासन दिया कि ज्ञापन की प्रति महामहिम राष्ट्रपति को भेज दी जायेगी। इस मौके पर अनुभव रावत, इन्द्रराज पासवान, रामनाथ गूजर, दिलीप रावत, लाल बहादुर रावत, विक्रम कुमार, एस0के0 रावत, अनिल कुमार, अजय रावत, देवेश कुमार, रामपूरन पासवान, मस्तराम पासवान, शिवकुमार गौड़, डाॅ0 के0पी0 चैधरी आदि मौजूद थे।