ईंट भट्ठा समस्याओं को लेकर लखनऊ में 24 को होगा धरना प्रदर्शन
फैजाबाद। विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद सरकारी आवास योजनाओं में भट्ठों की लाल ईंटो के प्रयोग को बन्द करने का आदेश जारी कर रखा है जो पूरी तरह अनुचित है। सरकारी निर्माण में फ्लाइ-ऐश ब्रिकस/ब्लाक्स के ही प्रयोग किये जाने का फैंसला किया जा चुका है। दूसरी ओर भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर की रिर्पोट में कहा गया है कि फ्लाई-ऐश मे रेडियो एक्टीविटी होने के कारण उससे निर्मित आवास में रहने वालों को दमा, कैंसर व चर्मरोग होते हैं। ईंट निर्माता समिति 6 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांशीराम ईको गार्डन में 24 सितम्बर को प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन करेगी। यह जानकारी ईंट निर्माता समिति के चेयरमैन अतुल कुमार सिंह ने शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दिया है।
उन्होंने बताया कि भट्ठों की लाल ईंटो के प्रयोग के लिए मुख्यमंत्री से आदेशित करने की मांग की गयी है। केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना जिसमें फ्लाई-एश ब्रिक्स के उपयोग की बाध्यता प्राविधानित है को निरस्त करने के लिए केन्द्र सरकार को संस्तुति भेजने की भी मुख्यमंत्री से मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर घोषणा किया था कि यदि भट्ठा स्वामी ईंटो की विक्री दर कम करते हैं तो सरकार ईंट मिट्ठी पर देय रायलटी समाप्त कर देगी। इस सम्बन्ध में अनेक प्रत्यावेदन शासन स्तर पर दिया जा चुका है परन्तु सरकार ने कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की है।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना में पर्यावरणीय क्लीयरेंस से छूट सम्बन्धी प्राविधानों के अन्र्तगत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश माइनर मिनरल कन्सेशल रूल्स में सहमति हेतु मंत्रालय को प्रेषित संस्तति पत्र पर अपेक्षित सहमति प्राप्त कर ईंट भट्ठों की ईंट निकासी में पर्यावरणीय क्लीयरेंस की बाध्यता से छूट प्रदान करने की भी मांग समिति द्वारा किया गया है। पत्रकार वार्ता में समिति अध्यक्ष मनीराम वर्मा, महामंत्री सत्य प्रकाश सिंह, नारायण दास, प्रेम नारायण शुक्ला, जितेन्द्र सिंह, सुरेश काली, विकास केवलानी व सूर्यकांत पाण्डेय भी मौजूद थे।
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