अयोध्या। आयकर / वस्तु एवं सेवाकर अधिवक्ता अनुज सिंघल ने मोदी सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार का छटा इंटरिम बजट 2019 वित्त मंत्री पियूष गोएल ने आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए मध्यम वर्ग, किसान, और असंगठित वर्ग को साधने की प्रयास किया है जिसमे सबसे बड़ी राहत मध्यम वर्ग के आयकर दाता जिनकी नेट कर योग्य आय 5 लाख तक है उनको अब कोई आयकर नही चुकाना होगा यह संशोधन धारा 87। में किया गया है अतः ध्यान देने वाली बात है की यह की आयकर के स्लैब में कोई परिवर्तन नही किया गया है इसके साथ ही नौकरीपेशा करदाताओ को स्टैण्डर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ा कर 50,000/- कर दी गयी है। वरिष्ठ नागरिको की आयकर संबंधी परेशानियों को देखते हुए ब्याज पर कटने वाले आयकर (टी.डी.एस.) की सीमा बढाकर 4०,०००/- और किराये पर (टी.डी.एस.) की सीमा बढाकर 2,40,000/- सभी वर्गों के लिए कर दी गयी है। वित्त मंत्री पियूष गोएल ने अपने बजट भाषण में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार रहित समाज की परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए आयकर की समीक्षा पूर्णतः इलेक्ट्रानिकली आगामी दो वर्ष के भीतर करने का वादा किया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने छोटे किसानो को 6000/- सालाना का पेंशन की घोषणा की है इसके साथ ही ळैज् में 5 करोड. तक के व्यापारियों को अब त्रमासिक विवरणी दाखिल करनी होगी अतः अपने आखिरी बजट में मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनावो को देखते हुए सभी वर्गों को लुभाने का सफलतापूर्वक प्रयास किया है।
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