-कोरोना के चलते सादगी से मनाई गयी रामनवमी
अयोध्या। रामनवमी के दिन जन्मभूमि के अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला को नई पोशाक और सोने का मुकुट धारण कराया गया। यह पहली बार है जब रामलला ने सोने का मुकुट धारण किया। रामलला पहले साधारण मुकुट धारण करते थे। 6 दिसम्बर 1992 के बाद उन्होंने चांदी का मुकुट धारण किया। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने बताया कि रामलला ने अपने चारों भाइयों के साथ सोने का मुकुट धारण किया। इसके लिए भक्तों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में गुप्तदान किया है।
उल्लेखनीय है भगवान श्रीराम जी के जन्म स्थल श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रत्येक वर्ष चैत्र रामनवमी को दोपहर में आयोजित किया जाता रहा है। वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड संक्रमण को देखते हुये जन्मोत्सव को सीमित स्तर पर किया गया इसके आयोजन की तैयारी हेतु विगत दिवस मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के शासकीय सदस्य भी है। तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यों के साथ सीमित स्तर पर सीमित संख्या में न्यास के सदस्यों एवं पुजारियों की उपस्थिति में मनाने का निर्णय लिया गया था। इस पर न्यास द्वारा भी सहमति व्यक्त करते हुये सीमित स्तर पर मनाने हेतु आम श्रद्वालुओं से अपील की गयी थी। उसी के क्रम में आज ठीक 11ः30 बजे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में जन्मोत्सव कार्यक्रम आरती के साथ शुभारम्भ मुख्य अर्चक/मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास द्वारा किया गया तथा उपस्थित ट्रस्ट के सदस्यों एवं सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, ट्रस्ट के सदस्य आदि उपस्थित थे तथा इस कार्यक्रम के अवसर पर भगवान के विग्रह को 56 प्रकार के प्रसाद भोग अर्पित किया गया तथा वहां पर अर्चक समुदाय एवं कुछ उपस्थित भक्त द्वारा ‘‘भय प्रगट कृपाला दीन दयाला‘‘ का सस्वर पाठ किया गया इसके सजीव प्रसारण हेतु दूरदर्शन से अनुरोध किया गया था। उक्त अवसर पर मंदिर पुजारी समूह के अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक राम जन्मभूमि परिसर पंकज, उपनिदेशक सूचना डा0 मुरलीधर सिंह, वरिष्ठ निरीक्षक अर्जुन देव सिंह सहित अनेक राज्य एवं केन्द्र के सुरक्षा बल के लोग उपस्थित थे।
उक्त अवसर पर उपनिदेशक सूचना डा0 मुरलीधर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी आने वाले थे, परन्तु कोविड से सम्बंधित एक बैठक के कारण नही आ सकें तथा बाद में वे अपनी सुविधानुसार दर्शन हेतु आयेंगे इसके क्रम उपनिदेशक सूचना ने बताया कि बड़े सौभाग्य का विषय है कि श्रीराम जन्मभूमि के सम्बंध में सर्वोच्च न्यायालय ने नवम्बर 2019 में निर्णय आने के बाद मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा नियमित न्यास के सदस्यों के साथ मंदिर परिसर के मुख्य समारोह में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
रामनगरी में बाहरी श्रद्धालुओं को नहीं मिला प्रवेश
-कोरोना संकट के चलते अयोध्या में रामनवमी पर्व सादगी से मनाया गया। भगवान राम के जन्म उत्सव का उल्लास देखने को नही मिल रहा। आम श्रद्धालु के लिए अयोध्या के सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। अयोध्या धाम की सीमा सील कर दी गयी, अयोध्या धाम में आम श्रद्धालु प्रवेश नही कर पाये। अयोध्या आने पर 48 घंटे के अंदर कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की बाध्यता लागू कर दी गयी है। कनक भवन समेत अन्य मंदिरों में भी सादगी पूर्ण से भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया गया। दोपहर 12 बजे भगवान राम का जन्म हुआ। कोरोना संक्रमण के चलते अयोध्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश न मिलने से सरयू तट पर सन्नाटा छाया हुआ है। सरयू के घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ नहीं दिख रही है। यही हाल राम जन्मभूमि और कनक भवन समेत अन्य प्रमुख मंदिरों की ओर जाने वाले मार्गों का भी रहा। कहीं भी श्रद्धालुओं के जत्थे नहीं दिखाई दिये। अयोध्या की बाहरी सीमा से ही आने वाले श्रद्धालुओं को पुलिस के जवान वापस लौटा दिये।