श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक
अयोध्या। शनिवार को सर्किट हाउस में आयोजित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक में सर्वसम्मति से भूमिपूजन कराने का निर्णय लिया है। यह भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। इसके लिए ट्रस्ट अध्यक्ष की ओर से प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है और भूमि पूजन के लिए 3 या 5 अगस्त की दो तिथियां सुझाई गई हैं। फिलहाल अब भूमि पूजन को लेकर निर्णय प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को लेना है। शनिवार को दूसरी पहर 3ः00 बजे से लगभग ढाई घंटे चली बैठक में ट्रस्ट की ओर से अब तक किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया गया और विभिन्न प्रस्ताव पर चर्चा हुई। प्रमुख रूप से सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राम भक्तों की आकांक्षा के अनुरूप आप राम मंदिर निर्माण में विलंब ठीक नहीं है। इसलिए पवित्र सावन माह में 3 अथवा 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त होने के चलते भूमि पूजन कार्यक्रम करा लिया जाए। भूमि पूजन के लिए ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की ओर से नरेंद्र मोदी को आमंत्रण दिया जाए तथा पीएमओ से कार्यक्रम तय कर लिया जाए। ट्रस्ट के निर्णय के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रस्तावित तिथि व मुहूर्त की सूचना दी गई और सहमति देने का अनुरोध किया गया।ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि भूमि पूजन के लिए 3 और 5 अगस्त की तिथि प्रस्तावित की गई है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि अध्यक्ष की ओर से प्रधानमंत्री से समय मांगा गया है।
आकार और ऊंचाई बढ़ाने पर बनी सहमति
ट्रस्ट की बैठक में जन्मभूमि पर प्रस्तावित राम मंदिर के आकार और ऊंचाई बढ़ाने पर भी सर्व सम्मत से निर्णय लिया गया। इसके लिए विभिन्न हिंदूवादी संगठनों तथा अयोध्या के संत धर्म आचार्यों की ओर से आवाज उठाई जा रही थी। ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि जन्म भूमि पर राम मंदिर राम जन्म भूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित चंद्रकांत सोमपुरा के मॉडल पर ही बनेगा लेकिन मंदिर के आकार और ऊंचाई में बढ़ोतरी की जाएगी। राम मंदिर का शिखर 161 मीटर ऊंचा होगा और मंदिर में तीन के बजाय पांच गुंबद होंगे। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि लोगों की आकांक्षा है कि जन्मभूमि पर बनने वाला राम मंदिर भव्य और दिव्य हो।इसको लेकर ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है।
सोमपुरा परिवार ही देखेगा पत्थर संबंधी काम
बैठक में ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर तकनीकी पहलुओं तथा अन्य काम देश की प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो की ओर से संपादित कराया जाएगा लेकिन पत्थर संबंधी सारे कार्य सोमपुरा परिवार के ही जिम्मे होगा। सोमपुरा परिवार के ही मॉडल पर बीते तीन दशक से राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तलाशी का काम चल रहा है। राम मंदिर मॉडल राम जन्मभूमि न्यास के निर्देश पर चंद्रकांत सोमपुरा तैयार किया है और इस मॉडल को देशभर के संत धर्माचार्य ने स्वीकृत किया है। वास्तुकला के अद्भुत नमूने सोमनाथ मंदिर को चंद्र कांत के पिता तथा गुजरात के अक्षरधाम और गुजरात राजस्थान के बॉर्डर की स्थिति बाड़मेर मंदिर को चंद्रकांत सोमपुरा के वास्तु पर निर्मित किया गया। फर्स्ट महासचिव चंपत राय ने इसकी पुष्टि की है।
4 लाख स्थानों के 10 करोड़ परिवारों से होगा धन संचय
ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राम मंदिर सभी की आस्था का प्रतीक है। ऐसे में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर निर्माण के लिए सभी से आर्थिक सहयोग हासिल किया जाए। मानसून के बाद इसके लिए संपर्क और संग्रह अभियान चलाया जाए तथा देशभर में 4 लाख स्थानों के 10 करोड़ परिवारों से सतत संपर्क कर मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग जुटाया जाए। वर्तमान कोरोना काल मैं घर घर गांव गांव संपर्क संभव नहीं है ऐसे में परिस्थितियां सामान्य होने तक इस अभियान को सतत जारी रखा जाए। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम जन्म भूमि पर बनने वाला राम मंदिर अद्भुत मंदिर होगा। भगवान के काम में पैसों की कमी नहीं आएगी।
हालात सामान्य रहे तो तीन-साढे 3 साल में बन जाएगा मंदिर
ट्रस्ट की बैठक के बाद महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट सदस्यों को जन्म भूमि के समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष पुरावशेष को दिखाया गया और लार्सन एंड टूब्रो की ओर से की गई सॉइल टेस्टिंग तथा अन्य कार्य की जानकारी दी गई। ट्रस्ट के सभी सदस्य इससे संतुष्ट हुए। लार्सन एंड टूब्रो ने 60 मीटर गहराई तक तथा जन्म भूम से 35 40 फुट तक मृदा परीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि जब सारी परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी ड्राइंग कंप्लीट हो जाएगी और धन संग्रह पूरा हो जाएगा उसके बाद ट्रस्ट को मंदिर निर्माण में अधिकतम तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने परिसर में मानस भवन के निकट अस्थाई मंदिर निर्माण पर प्रसन्नता जाहिर की है।
11 रहे मौजूद,चार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की शिरकत
शनिवार को आयोजित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक में 11 सदस्यों ने शिरकत की जबकि 4 सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। 15 सदस्यीय ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय समेत,निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी,सदस्य निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास,डा अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, कामेश्वर चौपाल, पदेन सदस्य उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी व जिला अधिकारी अनुज झा बैठक में शामिल हुए। जबकि संस्थापक ट्रस्टी वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण,प्रयागराज के वासुदेवानंद सरस्वती और उडुपी के स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ तथा पदेन सदस्य भारत सरकार के अपर सचिव गृह ज्ञानेश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शिरकत की।
तवज्जो न दिए जाने पर ट्रस्ट अध्यक्ष बिफरे
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी और हाई प्रोफाइल बैठक जनपद में ही होनी थी लेकिन ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को अपेक्षित तवज्जो नहीं मिली। नाराज मणिरामदास छावनी के महंत और ट्रस्ट अध्यक्ष गोपाल दास शनिवार को बिफ़र गए। कहा कि उनको न तो फर्स्ट की बैठक के लिए औपचारिक रूप से बुलाया गया है और न ही विचार के बिंदुओं अर्थात एजेंडा की जानकारी दी गई है। मामले की खबर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय को लगी तो आनन-फानन में मणिराम दास छावनी पहुंच गए। छावनी पहुंच ट्रस्ट महासचिव ने ट्रस्ट अध्यक्ष से मुलाकात की और जाने अनजाने भूल के लिए क्षमा याचना की। उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास को अध्यक्ष को बैठक में लाने की जिम्मेदारी देकर ट्रस्ट महासचिव वापस लौट गए। मामले की भनक लगी तो अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी ट्रस्ट अध्यक्ष को मनाने में जुटे। हालांकि इस बाबत सवाल पर ट्रस्ट अध्यक्ष म नृत्य गोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने किसी प्रकार की नाराजगी से साफ इनकार किया और छावनी के आनंद शास्त्री के साथ खुद ही ट्रस्ट अध्यक्ष को लेकर बैठक में सर्किट हाउस पहुंचे।
निर्मोही अखाड़े से सदस्य भी रहे अलग थलग
राम जन्मभूमि विवाद के अदालती लड़ाई में निर्मोही अखाड़े की सक्रिय भूमिका के मद्देनजर कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़े को भी ट्रस्ट में शामिल करने का आदेश दिया था। आदेश के तहत निर्मोही अखाड़ा अयोध्या शाखा के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट में सदस्य बनाया गया था। महंत दिनेन्द्र दास को ट्रस्ट के बैठक की औपचारिक सूचना तो दी गई लेकिन बैठक का एजेंडा उनको भी नहीं बताया गया। शनिवार को राष्ट्रीय सदस्य महंत दिनेन्द्र दास ने बताया कि बैठक के एजेंडे की उनको कोई जानकारी नहीं है। भूमि पूजन के लिए अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जा रहा है तो यह सर्वोत्तम बात है।