”नैतिकता एवं मूल्य” विषय पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में ”नैतिकता एवं मूल्य” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि के रूप में कृष्ण मोहन आई0ए0एस0 पूर्व अतिरिक्त सचिव एव ंवित्तीय आयुक्त राजस्व, हरियाणा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कृष्ण मोहन ने कहा कि नैतिकता के प्रति ईमानदार होना चाहिए। इसके बिना मूल्यों को स्थापित नही किया जा सकता। वर्तमान परिवेश में सामाजिक मूल्यों को बचाये रखने की आवश्यकता है। उन्होंने सूचना तकनीक, ई-गर्वनेंस सहित अन्य क्षेत्रों में नैतिकता एवं मूल्यों को अंगीकार करते हुए बताया कि समाज में जो व्यक्ति दूसरों की मदद करता है उसकी मदद भगवान करता है। सत्य परेशान हो सकता है परन्तु पराजित नही हो सकता। जब शिक्षक, अधिकारी एवं महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत व्यक्ति समाज के लिए एक आदर्श होते है। परन्तु समाज उन्हीं का अनुसरण करता है जो लोग नैतिकता के पोषक होते है। उन्होंने अबु बेन आदम की कविता का संदर्भ लेते हुए कहा कि व्यक्ति को नैतिक मूल्यों का वाहक होना चाहिए। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि आज के परिवेश में नैतिकता का तेजी से क्षरण हो रहा है। भारत जैसे सांस्कृतिक प्रधान देश में सदियों से नैतिकता एवं सदाचार जीवन का एक अंग हुआ करता था। सामाजिक बदलाव ने काॅफी कुछ बदल दिया। लोक कल्याण की भावना को लेकर चलने वाला समाज अब काफी पिछड़ रहा है। संविधान द्वारा प्राप्त अधिकारों की अवहेलना की जा रही है। समाज कानून से नही चलता बल्कि समाज द्वारा बनाये गये नैतिक मूल्यों से चलता है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि समाज में कोई न कोई किसी का आदर्श होता है। गुरू शिष्य की परपंरा का वाहक भारतीय समाज सदैव ही दूसरों की मदद के लिए जाना जाता रहा। आज के समय में हम अपनी सांस्कृतिक परपंराओं से हटकर बड़ा नुकसान कर रहे है। सही आचरण को अपनाना ही नैतिक मूल्यों की प्रांसगिकता है।
कार्यशाला के संयोजक प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने नैतिकता एवं मूल्य विषय पर आयोजित कार्यशाला के महत्व एवं उद्ेश्य पर प्रकाश डाला। कार्यशाला का शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। कार्यशाला का संचालन आयोजन सचिव डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार द्वारा किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन सह आयोजन सचिव डाॅ0 अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 एम0पी0 सिंह, प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, प्रो0 आर0के0 तिवारी, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 अनुप कुमार, डाॅ0 नीलम यादव, डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 तुहिना वर्मा, डाॅ0 विनय मिश्र, डाॅ0 महेन्द्र सिंह डाॅ0 शशि सिंह, डाॅ0 नीलम सिंह, डाॅ0 रीतेश जायसवाल, डाॅ0 दिव्यांशु विक्रम सिंह, डाॅ0 प्रदीप त्रिपाठी, डाॅ0 मणिकांत त्रिपाठी, डाॅ0 अनुराग पाण्डेय, जनसम्पर्क अधिकारी अशीष मिश्र, सहित अन्य शिक्षक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला में प्रथम एवं द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता कृष्ण मोहन ने इनरगर्वनेंस, फाईडिंग द इनरकम्पाॅस एवं लाइव बैलेंस सीट पर विभिन्न दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला।