-पशु रोग निदान में उन्नत तकनीकियों का उपयोग विषय पर चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का समापन
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में पशु रोग निदान में उन्नत तकनीकियों का उपयोग विषय पर चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पशु चिकित्सा के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन आधुनिक यंत्र विकसित किए जा रहे हैं और पशुओं के उपचार में इसका प्रयोग होना चाहिए। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी करके ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाना चाहिए जिससे कि पशुओं के इलाज के दौरान आने वाली समस्याओं का आसानी के साथ निराकरण किया जा सके। कुलपति ने विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि वे आस-पास के लगने वाले पशु मेले में अवश्य पहुंचे और पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी एकत्र करें।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. पीएस प्रमाणिक ने कहा कि पशुओं के इलाज से पहले उनकी बीमारियों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। पशुओं के इलाज में अल्ट्रासोनोग्राफी का उपयोग, डिजिटल रेडियेग्राफी का विभिन्न पशु रोग निदान हेतु उपोयग, पशुओं का आंकों की विभिन्न बीमारियों में अल्ट्रासोनोग्राफी तकनीक का उपयोग आदि विषय पर विस्तार से चर्चा किया गया। कार्यशाला के आयोजक डा. राजेश वर्मा व डा. नवीन कुमार सिंह एवं संयोजक डा. सोनू जायसवाल रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. वी.के पाल ने किया। इस मौके पर समस्त अधिष्ठाता, शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौके पर मौजूद रहे।