रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य के दौरान लिंटर डालते समय शटरिंग टूट गई, जिसमें 40 से अधिक मजदूर दब गए। मलबे से 23 लोगों को निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है। तीन की हालत नाजुक होने पर केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया है। अभी मलबे में और भी मजदूर दबे होने की आशंका है, जिसके चलते राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। मौके पर समाज कल्याण मंत्री समेत आला अधिकारी डटे हुए हैं।
शनिवार दोपहर रेलवे स्टेशन पर नवीन स्टेशन के लिए बनाए गए ढांचे पर लिंटर डाला जा रहा था। दोपहर 2:20 बजे के करीब शटरिंग टूटने से लिंटर भरभराकर गिर गया। लिंटर के ऊपर खड़े मजदूर नीचे गिरगए और कई लोग मलबे में दब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को मलबे से बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने इस मामले में और जानकारी दी है.
उन्होंने कहा, “कन्नौज के रेलवे स्टेशन पर नए टर्मिनल का काम चल रहा है. इस टर्मिनल में आज लगभग 12 से एक बजे के बीच, जो सरिये का जाल बनाया जाता है, उसके ऊपर कांक्रिट डाली जा रही थी. ऐसा लगता है कि उसकी ताकत कम थी, उसके वजन से पूरा स्ट्रक्चर गिर गया.”
उन्होंने कहा, “अभी तक के कुल 23 लोगों को निकाल लिया गया है. 20 लोगों को मामूली चोटें हैं, जिनका इलाज अस्पताल में कराया जा रहा है. तीन लोग गंभीर है, जिनको लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफ़र किया गया है.”
हादसे की जानकारी होते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल, एसपी विनोद कुमार, सदर एसडीएम स्मृति मिश्रा मौके पर पहुंच गए। जिले के सभी थानों की पुलिस फोर्स और फायर ब्रिगेड को भी बुला लिया गया। नगर पालिका से 50 कर्मियों को बुलाकर घायलों को बाहर निकाला गया। प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण भी घटनास्थल पर पहुंचे। थोड़ी देर बाद कानपुर मंडलायुक्त के विजयेंद्र पांडयन, डीआईजी जोगिंदर कुमार भी रेलवे स्टेशन पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। मंत्री समेत आला अफसरों ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से पूछताछ की।
मजदूरों ने बताया कि पिछले तीन दिन से स्टेशन के भवन पर लिंटर डालने का काम चल रहा था। शनिवार दोपहर शटरिंग टूटने से हादसा हो गया। हादसे के बाद ठेकेदार मौके से भाग निकला। देर शाम रेलवे ने दुर्घटना सहायता स्पेशल ट्रेन को स्टेशन पर भेजा। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम भी मजदूरों को मलबे से निकालने में जुटी है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच टीम में मुख्य इंजीनियर प्लानिंग एवं डिजायन, अपर मंडल रेल प्रबंधक व मुख्य सुरक्षा आयुक्त को शामिल किया गया है। हादसे में गंभीर रूप से घायल मजदूरों को 2.50 लाख रुपये और मामूली घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। देर शाम को पूर्वोत्तर रेलवे की डीआरएम वीणा सिन्हा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गईं और निरीक्षण किया।
डीएम ने क्या बताया
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट (DM) शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब निर्माणाधीन छत की शटरिंग गिर गई।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए श्रमिकों को बचाना है। हम बचाव कार्यों के लिए अपने पास उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।’ फिलहाल मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है और राहत कर्मी पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। स्थानीय लोगों भी बचाव कार्य में प्रशासन की मदद कर रहे हैं। इस हादसे ने निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।