साथी को बचाकर खुद शहीद हो गए लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी

by Next Khabar Team
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-टीओबी चू जंक्शन के लिए रुट ओपनिंग के दौरान नदी में गिरे साथ जवान को बचाने में हुए शहीद

अयोध्या। हर मुश्किल घड़ी में भारतीय सेना को हम अपने सामने पाते है। युद्ध हो अथवा कोई आपदा सैनिक हमेंशा उसके समक्ष अपना सीना तानकर खड़ा रहा है। किसी के लिए आने वाली मौत को आगे बढ़कर अपने सीने पर लेने के सैनिक हमेंशा तत्पर रहता है। इसका परिचायक बने है लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी, जो अपने साथी जवान को बचाने के लिए शहीद हो गए। उनका अदम्य साहस व वीरता की गाथा इतिहास पन्नों सदा के लिए कैद हो गई। लेकिन यह गाथा हर देशभक्त के लिए पथ प्रदर्शन बनी रहेगी।

अयोध्या जनपद के मंझवा गद्दौपुर के रहने वाले शशांक तिवारी का जन्म 24 जनवरी 2002 को हुआ था। उन्होंने 14 दिसम्बर 2024 को सेना में कमीशन प्राप्त किया था। सिक्किम उनकी पहली तैनाती थी। टीओबी चू जंक्शन सिक्कम में रुट ओपनिंग के दौरान बटलियन सिक्किम एकाउट्स के जवान एवी एटीफन सुब्बा एक ब्रिज पार करते समय बहाव में गिर गए।

अपने साथी को डूबते देखकर शशांक ने अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में छलांग लगा दी। उन्होंने स्टीफन को बचा लिया लेकिन खुद को पानी के तेज बहाव से बचा नहीं सके। काफी प्रयासों के बाद उनका शव लगभग 800 मीटर नीचे धारा पर मिला। शशांक के अपने माता पिता की इकलौती संतान थे। उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मचेंट नेवी मे कार्यरत है। जिन्हें सूचना दे दी गई है। वह फ्लाइट से अयोध्या आ रहे है।

22 साल के शशांक का पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर शाम तक अयोध्या पहुंचेगा। शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार होगा। शशांक घर के इकलौते बेटे थे। 2019 में उनका सिलेक्शन एनडीए में हुआ था। पिछले साल उन्हें कमीशन मिला और पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई।

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शहीद लेफ्टिनेंट की मां नीता तिवारी का स्वास्थ्य खराब रहता है। उन्हे अभी तक शहीद होने की जानकारी नही दी गई है। उन्हें अब तक बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है। शशांक की बड़ी बहन दुबई में रहती हैं, लेकिन अभी अयोध्या में हैं। एक-दो करीबी रिश्तेदार भी घर पहुंच गए हैं। किसी ने भी मां को बेटे की मौत की खबर नहीं दी। रिश्तेदारों का कहना है कि पिता के आने के बाद ही मां को बेटे की शहादत के बारे में बताया जाएगा। क्योंकि, मां को पता लगा तो उनको संभाल पाना मुश्किल होगा।शशांक के मामा राजेश दुबे के अनुसार शहर के जेबीए एकाडमी से 2019 में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद उसका सिलेक्शन एनडीए में हो गया था। देशसेवा का जज्बा उसमें बचपन से ही था।

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