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समीक्षा में 165 शिकायतें समय पर निस्तारित न होने के कारण मिली लम्बित

-डीएम ने नाराजगी जताते हुए संबंधित विभागाध्यक्षों को तत्काल निस्तारित करने का दिया निर्देश

अयोध्या। जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह की अध्यक्षता में आम जन की समस्याओं का समयबद्व व गुणवत्तापरख निस्तारण के लिए शासन द्वारा संचालित इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रेड्रेसल सिस्टम (आई0जी0आर0एस0) की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुये पाया कि लगभग 165 शिकायतें समय पर निस्तारित न होने के कारण लम्बित/डिफाल्ट श्रेणी में आ गयी है जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये सम्बंधित विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का गुणवत्तापरख निस्तारण तत्काल किया जाए। इसके साथ ही समस्त विभागाध्यक्ष अपने-अपने पोर्टल की नियमित लॉगिन कर उस पर प्राप्त हो रहे विभिन्न माध्यमों के सन्दर्भों की मार्किंग कर जांच कराते हुए आवेदक को सुनकर आख्या अपलोड करायें। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस पर सन्दर्भ प्राप्त होने की तिथि से 07 दिवस तक की अधीनस्थ अधिकारी को अग्रसारित किए जा सकेगें। उक्त अवधि के उपरान्त ऐसे सन्दर्भ को सम्बन्धित अधिकारी अधीनस्थों से अन्य माध्यमों (ई-मेल, वाट्सऐप आदि) से आख्या प्राप्त की जाएगी और आवश्यक कार्यवाही के उपरान्त अपने स्तर से अपलोड की जायेगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0 पर जिस प्रकरण में शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण हो जाता है, आख्या अपलोड करते समय उसके ड्रॉपडाउन में कई विकल्प प्रदर्शित होंगे यथा क्या राजस्व अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया है? जनपद, तहसील, ग्राम, गाटा संख्या, खतौनी का विवरण, क्या निस्तारण स्थल पर शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया गया है, यदि नहीं तो किससे सम्पर्क हुआ, आदि प्रदर्शित होंगे। ऐसे प्रकरणों में जो भी कार्यवाही की गयी है, उसे पूर्ण विवरण के साथ आख्या अपलोड कराया जाय। फीडबैक के माध्यम से प्राप्त सन्दर्भ जो (रिपोर्ट में जाकर प्राप्त फीडबैक) में देखना होता है, को नियमित रूप से सर्च कराया जाय और यदि एल-2 व एल-3 स्तर के अधिकारी के पास निर्णयार्थ (अनमार्क/अनुमोदन हेतु लंबित है), तो सम्बन्धित से समन्वय स्थापित कर यथोचित निराकरण कराया जाय।

जांच के दौरान 02 स्वतंत्र गवाह के हस्ताक्षर कराएं और स्थल का फोटोग्राफ, स्पाट मेमो एवं नजरी नक्शा संलग्न कराया जाय। निस्तारण आख्या अपलोड कराते समय ड्रॉपडाउन में प्रदर्शित उचित विकल्पों का चयन कर आख्या अपलोड करायी जाय। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुये जिला पूर्ति अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, समस्त अधिशाषी अभियन्ता, विद्युत आदि विभिन्न विभागों के समस्त अधिशाषी अभियन्ता आदि विभाग नियमित मॉनिटरिंग कर अपने-अपने अधीनस्थों से प्रकरणों को नियत समय सीमा के भीतर निस्तारण करायें। अधीनस्थों द्वारा जानबूझकर आख्या खराब दिये जाने पर सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उचित कार्यवाही की जाय।

आगामी दिवस के डिफाल्टर होने वाले प्रकरणों की आख्या प्रत्येक दिन अपरान्ह 03.00 बजे तक अवश्य अपलोड करा दी जाय। नगर निगम द्वारा जिस अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. प्रयास करें कि यह कम से कम अपर नगर आयुक्त लेवल का अधिकारी हो और जांच आख्या पर हस्ताक्षर करने से पूर्व उस अधिकारी का पदनाम लिखने के बाद ही नोडल अधिकारी लिखा जाय। अवर अभियन्ता, सफाई निरीक्षक, प्रकाश निरीक्षक आदि की आख्या कदापि अपलोड न करायी जाय। विगत दिनों में देखा गया है कि शासन स्तर से कई ऐसे पत्र प्राप्त हुए है, जिसमें जनपद की छवि काफी धूमिल हुई है। पोर्टल पर प्राप्त हो रहे सन्दर्भों को नियत समय सीमा के भीतर गुणवत्तापरक निस्तारण कराने (आवेदक को सुनकर अथवा वस्तुस्थिति से अवगत कराने पर ही) सुधार संभव होगा। अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें भूमि सम्पत्ति पर कब्जा से सम्बन्धित प्रकरण मांग श्रेणी में न रखें। समय-समय पर निर्गत शासनादेश एवं इस कार्यालय के निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

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