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अवध विवि के संतकबीर सभागार में 9 से 11 अगस्त को सरोकारी शख्सियतों का होगा जमावड़ा
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तैयारियों को लेकर संरक्षक मंडल व आयोजन समिति की हुई घोषणा
जालियांवाला बाग नरसंहार का शताब्दी वर्ष…
खिंची चली आती हैं दिग्गज और सरोकारी हस्तियां…
सिलसिला जो चल पड़ा…
अवाम का सिनेमा के 13 साल कुछ कम नही होते, इसके सफरनामे की शुरुआत 28जनवरी 2006 को अयोध्या से हुई थी। तब डा. आर. बी. राम ने तीन सौ रुपये का आर्थिक सहयोग देकर कांतिवीरों की यादों को सहेजने की इस पहल का स्वागत किया था। अवाम का सिनेमा का आगे का रास्ता क्या हो? आजादी आंदोलन के योद्धा और कानपुर बम एक्शन के नायक अनंत श्रीवास्तव के सुझाव पर बना इसका संविधान। प्रसिद्ध और सरोकारी डिजाइनर अरमान अमरोही ने इसका लोगो बनाया। तेरह वर्षों में देश-दुनियां के बहुत सारी शख्सियतें इसकी गवाह बनी, फिर भी वह दौर आसान न था। बावजूद इसके अयोध्या से लेकर चाहे चंबल का बीहड़ हो, रास्थान का थार मरुस्थल या फिर सुदूर कारगिल। अवाम का सिनेमा पुरजोर तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए राजनीति, समाज, आर्थिकी-सबकी सच्चाईयों को समाने लाने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है।