-डोगरा रेजिमेंट सेंटर में अग्निवीरों के लिये आयोजित हुआ मनोतनाव प्रबंधन प्रशिक्षण
अयोध्या। स्ट्रेस या मनोदबाव का सकारात्मक प्रबन्धन न कर पाने पर स्ट्रेस नकारात्मक रूप ले लेता है जिसे डिस्ट्रेस या अवसाद कहा जाता है जिससे उलझन, बेचैनी, घबराहट, अनिद्रा जैसे , लक्षण हो सकतें है। मेन्टल स्ट्रेस से कार्टिसाल व एड्रेनिल हॉर्मोन बढ़ जाता है जिससे चिंता, घबराहट, एडिक्टिव इटिंग, आलस्य, मोटापा, अनिद्रा व नशे की स्थिति भी पैदा हो सकती है।
यह बातें डोगरा रेजिमेंट ट्रेनिंग सेंटर में अग्निवीर कैडेट के लिये आयोजित मनोतनाव प्रबंधन प्रशिक्षण सत्र मे जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कही। डॉ मनदर्शन के अनुसार अग्निवीर कैडेट अपनी नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देकर मनो शारीरिक क्षमता में इज़ाफा कर सकतें हैं जिससे न केवल सैनिक दक्षता बल्कि व्यक्तिगत पारिवारिक व व्यवसायिक प्रबन्धन क्षमता मे अभिवृद्धि होगी ।
हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन, डोपामिन व एंडोर्फिन के महत्व को बताते हुए भावनात्मक केंद्र अमिगड़ाला ग्रंथि को समझाया गया जिससे कि मानसिक अग़वापन से दूरी बनाते हुए परिपक्व मनोरक्षा युक्तियाँ विकसित हो सके। कार्यशाला में प्रतिभागियों के संशय व सवालों का समाधान भी किया गया। सत्र की अध्यक्षता कमांडिंग ऑफिसर ए सिन्धू ने किया तथा संयोजन नायब सुबेदार विपिन राना ने किया ।