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रामनगरी अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा प्रातः होगी शुरू

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बींच होगी परिक्रमा

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। परिक्रमा शुरू होने के साथ ही करीब एक सप्ताह तक चलने वाले रामनगरी के प्रांतीयकृत कार्तिक मेले का भी शुभारंभ हो जाएगा। चौदह कोसी परिक्रमा की शुरुआत मंगलवार से शुरू होकर बुधवार की शाम तक चलेगी। रामनगरी अयोध्या के सरयू तट से लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु अपनी परिक्रमा शुरू करेगें। अयोध्या की परिक्रमा का विशेष महत्व में इसलिए परिक्रमा मेला में हरवर्ष करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होते हैं। इसबार अयोध्या प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय के फैंसला आने के मद्देनजर जुड़वा शहर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी व अर्ध सैनिक बलों की जहां तैनाती की गयी है वहीं भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए रूट डायवर्जन भी किया गया है। परिक्रमा पथ पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जहां तैनाती की गयी वहीं ड्रोन कैमरे की मदद से भी निगरानी की व्यवस्था कर दी गयी है।
परिक्रमा का शास्त्रों मे महत्व बताते हुए कहा गया है कि यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणपदे पदेण्ण्ण्परिक्रमा या संस्कृत में प्रदिक्षण शब्द का अर्थ है प्रभु की उपासनाए अपने मनोवांछित फलकी प्राप्ति के लिए श्रद्धालु चाहे वह किसी धर्म का होए मंदिर गुरूद्वारे और मस्जिदों की परिक्रमा करते हैं। इसमें उस स्थान की परिक्रमा की जाती है जिसकें मध्य में देवी देवता की कोई प्रतिमा या कोई ऐसी पूज्य वस्तु रखी होती है। जिसमें उस व्यक्ति का विश्वास और आस्था होती है। ऋग्वेद के अनुसार परिक्रमा का अर्थ है दक्षिण की दिशा की ओर बढ़ते हुए देवी देवता की उपासना करना। अयोध्या में मुख्य तौर से तीन प्रकार की परिक्रमा होती हैं। पहली 84 कोसी, दूसरी 14 कोसी व तीसरी 5 कोसी। बताते चलें कि एक कोस में तीन किलो मीटर होते हैं। अयोध्या की सीमा तीन भागों में बंटी है। इसमें चौरासी कोस में अवध क्षेत्र 14 कोस में अयोध्या नगर और 5 कोस में अयोध्या का क्षेत्र आता है। इसलिए तीन परिक्रमा की जाती है। इनमें से 84 कोसी परिक्रमा में साधू.संत हिस्सा लेते हैं तो 14 कोसी और 5 कोसी परिक्रमा में आम लोग शामिल होते हैं।

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चौदह कोसी परिक्रमा का महत्व

चौदह कोसी परिक्रमा के महत्व के बारे में महंत शशिकांत दास बताते हैं कि चौदह कोसी परिक्रमा करने से करोड़ों जन्म जन्मांतर का पाप नष्ट हो जाता है। कार्तिक माह के अक्षय नवमी को चौदह कोसी परिक्रमा होती है। यह साल में एक बार 42 किमी की परिधि में होती है। ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक परिक्रमा के दौरान भगवान विष्णु का दजागना होता है। इस वजह से इस दौरान किए गए काम को क्षरण नहीं होता। आप अगर मन से परिक्रमा में हिस्सा लें तो उसका फल आपको जरूर मिलता है। परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य ये है कि हिंदू धर्म के मुताबिक जीवात्मा 84 लाख योनियों में भ्रमण करती है। ऐसे में जन्म जन्मांतर में अनेकों पाप भी किए होते हैं। इन पापों को नष्ट करने के लिए परिक्रमा की जाती है।

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देवोत्थानी एकादशी को होती होते है पंचकोसी परिक्रमा

अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा के बारे में आचार्य रत्नेश परिक्रमा का महात्म्य बताते हुए कहते हैं कि भगवान जहां स्वंय अवतार लिए हों उस स्थान पर परिक्रमा अनंत काल से चल रही है। हर वर्ष देवोत्थानी एकादशी को पंचकोसी परिक्रमा होती है। इसके अतिरिक्त भी पांच कोसी परिक्रमा अयोध्या क्षेत्र में हर एकादशी को होती है। इस तरह से हर महीने मे दो बार ये परिक्रमा होती है। पंचकोसी परिक्रमा करने से शरीर शरीर के जो पाप हैं नष्ट हो जाते हैं। जिन लोगों को चलने में परेशानी है। वो रामकोट क्षेत्र की परिक्रमा भी कर सकते हैं। ये दूरी 3 किमी की है। वहींए जो लोग रामकोट क्षेत्र की परिक्रमा करने में भी असमर्थ हैं वो अयोध्या में स्थित कनक भवन की परिक्रमा भी कर सकते हैं।

कार्तिक परिक्रमा-पूर्णिमा मेला का मुहूर्त

चौदह कोसी परिक्रमा 5 नवंबर को सुबह 6. 05 से प्रारंभ होकर 6 नवंबर प्रातः 7.49 तक चलेगी। जबकि पंच कोसी परिक्रमा 7 नवंबर को सुबह 9.47 बजे से 8 नवंबर दोपहर 11.56 तक चलेगी। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 11 नवंबर को शाम 5रू34 से 12 नवंबर को शाम 6. 42 तक होगा।

पुलिस महानिरीक्षक ने जोनल व सेक्टर प्रभारियों के साथ की बैठक

अयोध्या। पुलिस महानिरीक्षक डा0 संजय गुप्ता ने चौदहकोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा तथा कार्तिक पूर्णिमा स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु ड्यूटी पर लगाये गये समस्त जोनल व सेक्टर प्रभारियों को पुलिस लाइन में ब्रीफ किया। उन्होनें कहा कि सभी जोनल व सेक्टर प्रभारी आपस में व अपने अधीन लगाये गये समस्त कर्मियों से समन्वय बनाकर अपने सम्बन्धित ड्यूटी क्षेत्र का भ्रमण कर लें तथा सभी आवश्यकताओं को समय से पूर्ण कर लें। उन्होनें लोकल थाना प्रभारियों को अपने सम्बन्धित क्षेत्रो में नियमित पेट्रोलिंग के निर्देश दिये, एलआईयू को पूरे परिक्रमा मार्ग व बाहर से आने वाले श्रद्धालुंओ के रोकने वाले स्थलो को चेक करने के निर्देश दिये। उन्होनें कहा कि यह सुनिश्चित रखें कि श्रद्धालु निश्चित स्थल पर ही रूकें व लेटें। गाड़िया निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही पार्क करे, सम्पूर्ण परिक्रमा मार्ग क्लीयर हो। उन्होनें कहा कि संवेदनशील स्थलो पर विशेष सतर्कता बरती जाये। सभी अधिकारी समय से ड्यूटी पर पहुंचे। उन्होने कहा कि आने वाले रामजन्म भूमि व बाबरी मस्जिद के निर्णय के लेकर किसी तरह की नारेबाजी न होने पाये, कोई भी व्यक्ति या वस्तु संदिग्ध लगे तो उसे चेक जरूर करें, आवश्यकता पड़ने पर व्यक्ति से पूछतांछ अवश्य करें, सीसी टीवी कैमरे से पूरे परिक्रमा मार्ग व प्रमुख स्थलो व मन्दिरों पर नजर रखी जायेगी। उन्होनें कहा कि सभी अधिकारी अपने पास अपना आईडी कार्ड अवश्य रखें।
इस अवसर पर एसएसपी आशीष तिवारी ने कहा कि सभी जोनल व सेक्टर प्रभारी अपने टीम के साथ ड्यूटी स्थल पर समय से पहुंचे। सेक्टर व जोनल प्रभारी संवेदनशील स्थलों पर विशेष ध्यान दें, टप्पेबाजों, अंधविश्वास फैलाने वाले, चेन स्चैनिंग करने वाले आदि पर सतर्क निगाह रखें, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पुलिस कन्ट्रोल रूम (मो0नं0 9454404745) को सूचित करें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि इसके बाद सायं 6.30 बजे से रामकथा संग्रहालय में सभी जोनल प्रभारियों के साथ आयुक्त मनोज मिश्र बैठक करेंगे, जिसमें जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व मैं स्वयं भी उपस्थित रहूँगा।

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